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    28 देशों तक फैला भारतीय सहकारिता का दायरा, एनसीईएल ने सालाना दो लाख करोड़ के निर्यात का रखा लक्ष्य

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 08:40 PM (IST)

    राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) ने ढाई साल में 28 देशों में कारोबार फैलाया है जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल रहा है। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एनसीईएल के लिए हर साल कम से कम दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य रखा है। संस्था चीनी सुगंधित चावल जैविक कपास और मोटे अनाज के नए बाजार तलाश रही है।

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    28 देशों तक फैला भारतीय सहकारिता का दायरा (फाइल)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय किसानों की उपज अब गांव और मंडियों से निकलकर सीधे दुनिया के बाजारों तक पहुंच रही है। राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) ने मात्र ढाई वर्ष में 28 देशों में कारोबार फैला कर यह साबित कर दिया है कि भारतीय किसानों की उपज की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी मांग है।

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    संस्था के जरिए अभी तक 5,403.01 करोड़ रुपये का निर्यात किया जा चुका है, जिसका सीधा फायदा किसानों को बेहतर दाम और स्थायी बाजार के रूप में मिल रहा है।

    दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य

    सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एनसीईएल के लिए प्रत्येक वर्ष कम से कम दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य रखा है। उनका मानना है कि अगर यह लक्ष्य पूरा हुआ तो सहकारी समितियों के जरिए जुड़े किसानों को 20 हजार से 30 हजार करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त लाभ हो सकता है। उन्होंने संस्था से चीनी, सुगंधित चावल, जैविक कपास और मोटे अनाज जैसी वस्तुओं के नए निर्यात बाजार तलाशने को कहा है।

    किसानों को बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा

    खाड़ी देशों में ताजी सब्जियां और विशेष किस्म के आलू भेजने की संभावनाएं भी तलाश की जा रही हैं। गांव के स्तर पर किसानों की पैदावार को खरीदने से लेकर भंडारण, पैकिंग, ब्रांडिंग और विदेश तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एनसीईएल निभा रहा है। यानी किसान को अब अपने माल के लिए बिचौलियों या अस्थायी बाजारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा। यही वजह है कि बड़ी संख्या में प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) इससे जुड़ रही हैं।

    11 हजार से ज्यादा समितियां एनसीईएल की सदस्य बनीं

    अगस्त 2025 तक 11 हजार से ज्यादा समितियां एनसीईएल की सदस्य बन चुकी हैं। इन्हीं समितियों के जरिए 13.49 लाख टन से अधिक उपज विदेश भेजी गई है, जिसमें चावल, लाल प्याज, चीनी, मसाले, चाय और प्रसंस्कृत खाद्य सामग्री शामिल हैं।

    संस्था ने कारोबार और लाभ के मामले में भी भरोसा जगाया है। पिछले वित्त वर्ष में 4,283 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ और 122 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया गया। खास बात यह है कि स्थापना के प्रथम वर्ष ही संस्था ने सहकारी समितियों को 20 प्रतिशत से ज्यादा लाभांश लौटाकर यह संदेश दिया कि कमाई सीधे किसानों और समितियों तक पहुंचेगी।

    एनसीईएल ने किसानों की मेहनत को वैश्विक पहचान दिलाई

    एनसीईएल की स्थापना जनवरी 2023 में इफको, कृभको, नैफेड, अमूल और एनसीडीसी जैसी प्रमुख सहकारी संस्थाओं ने मिलकर की थी। 500 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी और 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ बनी यह संस्था अब किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से सीधे जोड़ने का बड़ा माध्यम बन गई है। साफ है कि एनसीईएल ने किसानों की मेहनत को वैश्विक पहचान दिलाई है। इसके जरिए विदेशों में भारतीय उपज की पहचान बन रही है।

    किसान को भी यह भरोसा मिल रहा है कि उसकी फसल का उचित दाम तय समय पर मिलेगा। यही वजह है कि गांवों से लेकर बड़े शहरों तक सहकारिता की यह नई उड़ान किसानों की जिंदगी में समृद्धि की नई रोशनी ला रही है।

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