महाराष्ट्र: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय, पूर्व मंत्री ने खुद को बताया 'निर्दोष'
महाराष्ट्र में एनसीपी नेता नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने आरोप तय किए, जिसमें मलिक ने खुद को निर्दोष बताया। ईडी के अनुसार, मलिक ने दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ मिलकर अवैध संपत्ति की मनी लॉन्ड्रिंग की। कोर्ट ने मलिक परिवार द्वारा नियंत्रित कंपनियों से वसूले गए किराए को भी अपराध की आय माना है।

नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP)क्व नेता नवाब मलिक की मुश्किलें बढती ही दिखाई दे रही है। मंगलवार को मलिक MP/MLA कोर्ट पहुंचे हैं, जहां उनके खिलाफ आरोप तय किए गये।
अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मंगलवार को एक विशेष अदालत ने राकांपा नेता नवाब मलिक समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इसपर अदालत में मौजूद मलिक ने धन शोधन के आरोपों में खुद को निर्दोष बताया।
नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
पिछले हफ्ते एक अभियुक्त की आरोपमुक्ति याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों का हवाला दिया और कहा कि यह साफ है कि मलिक ने डी-कंपनी के सदस्यों- हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर हड़पी हुई संपत्ति की मनी लॉन्ड्रिंग में हिस्सा लिया, जो पीएमएलए के तहत अपराध की आय मानी जाती है।
विशेष न्यायाधीश सत्यनारायण आर नवंदर ने कहा, "इसके अलावा, मलिक परिवार द्वारा नियंत्रित मेसर्स सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स मलिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिये से वसूला गया किराया पीएमएलए की धारा 2(1)(यू) के अंतर्गत अपराध की आय माना जाता है।"
मलिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की आरोपमुक्ति याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश ने अगली तारीख पर धारा 3 के साथ धारा 70 के तहत आरोप तय करने का निर्देश दिया था। मलिक समेत सभी आरोपियों को आरोप तय करने के लिए मंगलवार को मौजूद रहने का निर्देश दिया गया था।
हसीना पारकर से जुड़े मामले में आरोप तय
बता दें धारा 3 व्यक्तियों द्वारा धन शोधन के अपराध से संबंधित है, जबकि धारा 70 किसी अपराध के लिए कंपनियों की जिम्मेदारी से संबंधित है। जिसमें अधिकतम सजा 7 साल की जेल है।
अपराध की आय 16 करोड़ रुपये आंकते हुए, ईडी ने आरोप लगाया कि मलिक ने 1996 में कुर्ला पश्चिम के गोवावाला परिसर में "कुर्ला जनरल स्टोर" पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और कुछ साल बाद राज्य मंत्री बनने के बाद, उसने पारकर की मदद से पूरे परिसर पर कब्ज़ा कर लिया।
धन शोधन का यह मामला NIA द्वारा 3 फरवरी, 2022 को दाऊद और अन्य के खिलाफ आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज की गई एक प्राथमिकी से उपजा है।
मलिक पर आरोप है कि उसने पारकर, पटेल और 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में दोषी खान के साथ मिलकर मूल मालिक मुनीरा प्लंबर की 3 एकड़ जमीन को अवैध रूप से हड़पने की साजिश रची।

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