Sukhoi Su-30MKI से दुश्मनों का दिल जाएगा दहल, जानिए सुपर सुखोई की खूबियां
वायुसेना अपने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के बेड़े को अपग्रेड करेगी। इसके तहत विमानों को उन्नत एवियानिक्स सेंसर और इलेक्ट्रानिक वारफेयर सुइट से लैस किया जाएगा। आधुनिकीकरण के बाद सुखोई 30 विमानों को सुपर सुखोई नाम से जाना जाएगा। ऐसे में इन विमानों को अपग्रेड किए जाने की जरूरत है जिससे ये आधुनिक तकनीक और उपकरणों के साथ मौजूदा समय की चुनौतियों का सामना कर सकें।

जागरण रिसर्च टीम, नई दिल्ली। वायुसेना अपने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के बेड़े को अपग्रेड करेगी। इसके तहत विमानों को एडवांस एवियानिक्स, सेंसर और इलेक्ट्रानिक वारफेयर सुइट से लैस किया जाएगा। आधुनिकीकरण के बाद सुखोई 30 विमानों को सुपर सुखोई नाम से जाना जाएगा। पहली खेप में लगभग 84 विमानों को अपग्रेड किया जाएगा। सुपर सुखोई कार्यक्रम में विमानों के एयरफ्रेम और इंजन के अलावा सभी कंपोनेंट को शामिल किया गया है। सुखोई विमानों के बेड़े में शामिल काफी विमानों ने 20 साल से अधिक सेवाकाल पूरा कर लिया है। ऐसे में इन विमानों को अपग्रेड किए जाने की जरूरत है, जिससे ये आधुनिक तकनीक और उपकरणों के साथ मौजूदा समय की चुनौतियों का सामना कर सकें।
40 सुखोई ब्रम्होस से लैस
सुखोई विमानों का आधुनिकीकरण भारत में होगा। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड वायुसेना के साथ मिल कर अपग्रेड कार्यक्रम को लागू करेगी। पहली खेप में करीब 84 विमानों को अपग्रेड किया जाएगा और बाद में करीब 150 सुखोई विमानों को आधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस किया जाएगा।
पहली खेप में 84 सुखोई होंगे अपग्रेड
वायुसेना ने 40 सुखोई विमानों को ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस किया है। इससे सुखोई और भी खतरनाक हो गया है । ब्रम्होस का हवा से लांच किए जाने पर वह 300 किलोमीटर तक लक्ष्य को निशाना बना सकता है।
कैसा होगा सुपर सुखोई
- एडवांस एवियानिक्स सिस्टम पायलट को रियल टाइम सूचनाएं मुहैया कराएगा। इससे मिशन के दौरान तेजी से फैसले लेने में मदद मिलेगी।
- नया उत्तम रडार लगाया जाएगा। इससे हवा में और जमीन पर मौजूदा लक्ष्य को पहचानने और ट्रैक करने की विमान की क्षमता बढ़ेगी।
- विमानों को एडवांस्ड इलेक्ट्रानिक वारफेयर सुइट से लैस किया जाएगा। सिस्टम लड़ाई के दौरान विमान को अपना बचाव करने में मदद करेगा।
सुखोई 30 एमकेआई की खूबियां
- भारत के पास कुल 272 सुखोई विमान
- भारत में सुखोई-30MKI को HAL बनाती है
- 2002 में रूस ने भारत को सौंपा था पहला सुखोई
- दो सीटों वाला बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान
- 2,110 किलोमीटर प्रति घंटा है रफ्तार और रेंज 3,000 किलोमीटर
- 8,000 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है रेंज रिक्यूलिंग के साथ
- 38,000 किलोग्राम अधिकतम वजन के साथ उड़ान भर सकता है
- इसे रूस के सुखोई कॉर्पोरेशन ने 1995 मे बनाना शुरू किया था।
- 1997 में HAL ने लाइसेंस लेकर इस विमान में बदलाव किए।
- सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट सुखोई सू-27 का अपग्रेडेड वर्जन है।
- सुखोई-30एमकेआई में लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं।
- सुखोई-30एमकेआई 56,800 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
बता दें कि तीनों सेनाओं की हथियार की जरूरतों को पूरा करने और उनके आधुनिकीकरण को गति देने के लिए रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने 15 सितंबर 2023 को 45,000 करोड़ रुपये की लागत के नौ रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इनमें भारतीय वायुसेना के लिए 12 सुखोई-30 एमकेआइ लड़ाकू विमान, आकाश से सतह तक मार करने वाली ध्रुवास्त्र मिसाइल, नौसेना के लिए टोही जहाज से लेकर अग्रिम मोर्चे पर तैनात किए जाने वाले सेना के बख्तरबंद युद्धक वाहनों की खरीद के प्रस्ताव शामिल हैं। रक्षा खरीद परिषद की शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान खरीद के इन नौ प्रस्तावों को शुरुआती मंजूरी प्रदान की गई।
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