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भारत-चीन तनाव के बीच नौसेना भी ऑपरेशनल मोड में, डेढ़ दर्जन अत्याधुनिक युद्धक मोटरबोट भेजी जा रहीं लद्दाख

पैगांग झील का एक हिस्सा भारत के पास है और दो तिहाई हिस्सा चीन के पास। वास्तविक नियंत्रण रेखा समुद्रतल से करीब 14 हजार की फुट की ऊंचाई पर स्थित इस झील से होकर गुजरती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:46 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 11:15 AM (IST)
भारत-चीन तनाव के बीच नौसेना भी ऑपरेशनल मोड में, डेढ़ दर्जन अत्याधुनिक युद्धक मोटरबोट भेजी जा रहीं लद्दाख
भारत-चीन तनाव के बीच नौसेना भी ऑपरेशनल मोड में, डेढ़ दर्जन अत्याधुनिक युद्धक मोटरबोट भेजी जा रहीं लद्दाख

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच नौसेना भी ऑपरेशनल मोड में आ चुकी है। नौसेना का एक दस्ता सेना के जवानों के साथ मिलकर पैंगांग झील में गश्त कर रहा है। वहां गश्त के लिए पहले से उपलब्ध अत्याधुनिक अमेरिकी मोटरबोट के अलावा डेढ़ दर्जन अत्याधुनिक युद्धक मोटरबोट भी लद्दाख भेजी जा रही हैं।

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गलवन घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प से पहले 5 मई को पैंगांग त्सो के इलाके में भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मारपीट हुई थी। पैगांग झील का एक हिस्सा भारत के पास है और दो तिहाई हिस्सा चीन के पास। वास्तविक नियंत्रण रेखा समुद्रतल से करीब 14 हजार की फुट की ऊंचाई पर स्थित इस झील से होकर गुजरती है। भारतीय थलसेना के जवान इसझील में मोटरबोट के जरिए गश्त कर चीनी घुसपैठ को रोकते हैं।

गलवन घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद से लद्दाख में सैन्य तनाव लगातार बढ़ रहा है। दोनों तरफ से युद्धक तैयारियां चल रही हैं। चीन से निपटने के लिए थलसेना ने तोपखाने और टैंक रेजिमेंट के अतिरिक्त दस्तों को अग्रिम हिस्सों में तैनात किया है। वायुसेना भी लद्दाख में ऑपरेशनल मोड में है। अपाची और चिनूक हेलिकॉप्टर भी वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ सटे इलाकों में गश्त कर रहे हैं। सुखोई विमान आए दिन उड़ान भर रहे हैं।

गश्त के लिए अमेरिकन मोटरबोट का कर रहे इस्तेमाल

सूत्रों ने बताया कि नौसेना भी पैंगांग में अपनी गतिविधियां शुरू कर चुकी है। इससे पहले थलसेना का वॉटर विंग ही पैगांग में गश्त करते हुए चीनी सैनिकों की घुसपैठ को नाकाम बनाता था। पैगांग में गश्त के लिए भारतीय सेना अमेरिका से खरीदी गई अत्याधुनिक मोटरबोट का इस्तेमाल करती है। जीपीएस, नाईट विजन डिवाइस और मशीनगन से लैस इस मोटरबोट में एक समय में करीब 17 सैनिक सवार हो सकते हैं।

हाल ही में नौसेना के चार वरिष्ठ अधिकारियों ने किया था दौरा

सूत्रों के अनुसार, नौसेना के चार वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल लेह आया था। इस दल ने पैंगांग झील का दौरा किया और सेना की मोटरबोट व अन्य साजोसामान का जायजा लिया था। इस दल ने झील में किसी सैन्य टकराव की स्थिति में नौसेना की आवश्यकता का भी जायजा लिया और नौसेना के कमांडो दस्ते की सेना के जवानों के साथ संयुक्त गश्त और ऑपरेशनल ड्रिल की रूपरेखा भी तय की थी। इसी दल की रिपोर्ट के आधार पर कुछ दिनों से झील में भारतीय सैन्य गतिविधियां ऑपरेशनल मोड में नजर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना ने करीब डेढ़ दर्जन अत्याधुनिक और दमदार मोटरबोट को पैंगांग में गश्त के लिए पहुंचाया है। ये मोटरबोर्ट चीनी सेना के 928 बी टाइप जहाजों का मुकाबला करने में समर्थ हैं।

चीन पर सैन्य दबाव बढ़ेगा

सूत्रों ने बताया कि पैगांग में नौसेना की गतिविधियां शुरू होने से चीन पर सैन्य दबाव बढ़ेगा। उसे पहले कभी लद्दाख में भारत के आक्रामक रुख का सामना नहीं करना पड़ा है। पैगांग झील में पहले भी कई बार भारत और चीन के सैनिकों के बीच टकराव हो चुका है। चीनी सैनिकों ने कई बार भारतीय जवानों की मोटरबोट को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं है। झील की लहरों पर उसे मात देने के लिए नौसेना और सेना पूरी तरह तैयार है।


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