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    कोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे का प्लान तैयार, 1 जुलाई से शुरू होगा मध्यस्थता अभियान

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 10:55 PM (IST)

    राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक 90 दिवसीय राष्ट्रव्यापी मध्यस्थता अभियान शुरू करेंगी। इसका उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों का त्वरित और लागत प्रभावी तरीके से निपटारा करना है। यह अभियान वैवाहिक, वाणिज्यिक, उपभोक्ता विवादों सहित विभिन्न प्रकार के मामलों को सुलझाने के लिए है।

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    पूरे देश में यह मध्यस्थता अभियान 30 सितंबर, 2025 तक जारी रहेगा (फोटो: एएनआई)

    पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) अदालतों में लंबित मामलों के निपटारे के लिए एक जुलाई से 90 दिनों का मध्यस्थता अभियान शुरू करेगी। पूरे देश में यह मध्यस्थता अभियान 30 सितंबर, 2025 तक जारी रहेगा।

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    नालसा की विज्ञप्ति में कहा गया है, 'भारत भर में राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान शुरू किया जा रहा है, ताकि लंबित मामलों का निपटारा किया जा सके और लोगों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि विवाद समाधान के लिए मध्यस्थता एक ऐसा तंत्र है जो लोगों के लिए अनुकूल है, लागत प्रभावी है और त्वरित है, तथा इससे समय और धन की बचत के साथ-साथ रिश्तों को भी बचाया जा सकता है।'

    लंबित मामलों का उचित निपटारा होगा

    इस अभियान का उद्देश्य तालुका अदालतों से लेकर उच्च न्यायालयों तक में लंबित मामलों का उचित निपटारा करना और विवाद समाधान के जन-हितैषी तरीके के रूप में मध्यस्थता को देश के कोने-कोने तक ले जाना है।

    विज्ञप्ति में कहा गया है, 'सीजेआई (भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई) और न्यायमूर्ति सूर्यकांत, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और नालसा एवं एमसीपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष के मार्गदर्शन में नालसा और एमसीपीसी द्वारा 90 दिनों का राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान की संकल्पना की गई है।'

    इन विवादों का होगा निपटारा

    मध्यस्थता के लिए पात्र लंबित मामलों की प्रकृति में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना संबंधी दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद और बेदखली शामिल हैं।

    नालसा ने कहा, 'इस विशेष अभियान का उद्देश्य सभी मौजूदा मध्यस्थों को शामिल करना है, जिनमें हाल ही में 40 घंटे की मध्यस्थता प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले मध्यस्थ भी शामिल हैं। इस अभियान में सभी पक्षों की सुविधा के अनुसार सप्ताह के सभी सात दिनों में मध्यस्थता निपटान संबंधी प्रयास किए जाएंगे।'

    इस विशेष अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया ऑफलाइन, ऑनलाइन मोड में या मामलों को निपटाने के लिए हाइब्रिड विधि से हो सकती है।

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