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    रक्षा, साइबर सुरक्षा पर दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर का होगा कार्यक्रम, इन क्षेत्रों पर भी होगी बातचीत

    क्वांटम मशीन लर्निंग में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत करने के लिए अगले महीने दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। साइबर क्वेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) मशीन लर्निंग (एमएल) क्वांटम कंप्यूटिंग और ड्रोन तकनीक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देगा।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 28 Aug 2025 02:34 AM (IST)
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    रक्षा, साइबर सुरक्षा पर दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर का होगा कार्यक्रम (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, नई दिल्ली। क्वांटम मशीन लर्निंग में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने, आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत करने के लिए अगले महीने दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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    रक्षा और साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने पर विचार किया जाएगा

    प्रादेशिक सेना 'परिवर्तन का दशक' अभियान के तहत आइआइटी-मद्रास, भारतीय सेना अनुसंधान प्रकोष्ठ और साइबरपीस के सहयोग से इंडियन आर्मी टेरियर साइबर क्वेस्ट 2025 का आयोजन कर रही है। इसमें रक्षा और साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने पर विचार किया जाएगा।

    इन क्षेत्रों पर होगी बातचीत

    'साइबर क्वेस्ट' आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), मशीन लर्निंग (एमएल), क्वांटम कंप्यूटिंग और ड्रोन तकनीक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देगा।

    इस प्रतियोगिता में एआइ और एमएल का उपयोग करके भारत के लिए मजबूत प्रणालियां बनाने की दो प्रमुख चुनौतियां शामिल हैं। यह प्रतिभागियों को राष्ट्रीय सुरक्षा में सीधे योगदान करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।

    रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना की वेबसाइट पर इसका विज्ञापन जारी किया गया है। इस पहल का उद्देश्य आधुनिक रक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिभाशाली लोगों को एकजुट करना है।

    राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा प्रौद्योगिकी होगी मजबूत

    इसका मकसद क्वांटम मशीन लर्निंग में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना, आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना और समाधान तैयार करना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत कर सके।-