Move to Jagran APP

NHRC के स्थापना दिवस पर बोले पीएम मोदी- मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि खराब करने की कोशिश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बिना किसी का नाम लिए विरोधियों पर निशाना साधा। NHRC के 28वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवाधिकार के नाम पर कुछ लोग देश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 09:10 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 03:32 PM (IST)
NHRC के स्थापना दिवस पर बोले पीएम मोदी- मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि खराब करने की कोशिश
NHRC के स्थापना दिवस पर बोले पीएम मोदी- मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि खराब करने की कोशिश

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission, NHRC) के 28वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में अमित शाह भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बिना किसी का नाम लिए विरोधियों पर निशाना साधा। साथ ही कहा कि मानवाधिकार के नाम पर कुछ  लोग देश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।  इसके अलावा पीएम ने ट्रिपल तलाक, महिला सुरक्षा, कोरोना काल में प्रवासियों की मदद सहित तमाम मु्द्दों पर अपनी बात रखी।

loksabha election banner

पीएम मोदी ने मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना पर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में सबसे पहले सभी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई दी। साथ ही कहा कि ये आयोजन आज ऐसे समय हो रहा है, जब हमारा देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।

हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए मानवाधिकारों की प्रेरणा का, मानवाधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा स्रोत आज़ादी के लिए हमारा आंदोलन, हमारा इतिहास है। हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया है।

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से चला रहा देश

इसके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मूल मंत्र पर चल रहा है। ये एक तरह से मानव अधिकार को सुनिश्चित करने की ही मूल भावना है।

बीते बीस वर्षों में विभिन्न स्तरों पर अन्याय को दूर करने का प्रयास

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में देश ने अलग-अलग वर्गों में, अलग-अलग स्तर पर हो रहे अन्याय को भी दूर करने का प्रयास किया है। दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं। हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है।

महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज महिलाओं के लिए काम के अनेक सेक्टर्स को खोला गया है, वो 24 घंटे सुरक्षा के साथ काम कर सकें, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे लेकिन भारत आज करियर वूमेन (career women) को 26 हफ्ते की मातृत्व अवकाश (paid maternity leave) दे रहा है।

बेटियों की सुरक्षा से जुड़े उठाए कई कदम

प्रधानमंत्री ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा से जुड़े अनेक कानूनी कदम बीते वर्षों में उठाए गए हैं। देश के 700 से अधिक जिलों में वन स्टाप सेंटर चल रहे हैं। जहां एक ही जगह पर महिलाओं को मेडिकल सहायता, पुलिस सुरक्षा, कानूनी मदद और अस्थाई आश्रय दिया जाता है।

पैरालंपिक में दिव्यांग की शक्ति का अनुभव किया

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों की क्या शक्ति है, ये हमने हाल के पैरालंपिक में फिर अनुभव किया है। बीते वर्षों में दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भी कानून बनाए गए हैं, उनको नई सुविधाओं से जोड़ा गया है।

मानवाधिकार की व्याख्या अपने-अपने तरीके से कर रहे लोग- पीएम मोदी

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है। पीएम ने कहा कि मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है।

गरीबों को शौचालय और बैंक की सुविधा मिली

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर था, उस गरीब को अब शौचालय मिला है। साथ ही कहा कि जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जनधन अकाउंट खोला गया , जिससे उसमें हौसला आता है, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।

कोरोना काल में प्रदान की गई आर्थिक सहायता

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने इसी कोरोना काल में गरीबों, असहायों, बुजुर्गों को सीधे उनके खाते में आर्थिक सहायता दी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड की सुविधा भी शुरू की गई है, ताकि वो देश में कहीं भी जाएं उन्हें राशन के लिए भटकना न पड़े।

जानें- अमित शाह क्या बोले

इस कार्यक्रम में अमित शाह भी शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने 28 साल में 20 लाख से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया है और 205 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा , जिनके साथ अन्याय हुआ था उन्हें दिलाने का काम किया है।

इसके साथ ही कहा कि पिछले 6 सालों में करीब 60 करोड़ गरीब आबादी का ध्यान रखा गया है। साथ ही 10 करोड़ महिलाओं को शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं। इतना ही नहीं अमित शाह ने कहा कि लगभग 4 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाई गई है।

मानवाधिकार संरक्षण कानून, 1993 के तहत आयोग की स्थापना 12 अक्तूबर 1993 को मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ की गई थी। NHRC मानवाधिकारों के उल्लंघन का संज्ञान लेता है, जांच करता है और सार्वजनिक प्राधिकारों द्वारा पीड़ितों को दिए जाने के लिए मुआवजे की सिफारिश करता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.