National Highways: विकास के साथ ही देश की सुरक्षा के लिए अहम होंगे राष्ट्रीय राजमार्ग, लड़ाकू विमान उतारने और उड़ाने की सुविधा होगी तैयार
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार देश की सुरक्षा की दृष्टि से अहम 28 स्थानों की पहचान की गई है जहां राजमार्ग पर भारी लड़ाकू विमान उतारने की सुविधाएं विकसित की जानी है।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग सिर्फ देश के विकास की धमनी बनने के साथ ही देश की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएंगे। सरकार देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों को 28 स्थानों पर भारी लड़ाकू विमान के उतारने लायक बनाने की तैयारी में जुट गई है। इसमें से राजस्थान स्थित एक स्थान पर सुपर हरक्यूलिस सी-130 विमान उतारा भी जा चुका है, जबकि चार का काम अंतिम चरण है। शेष 23 स्थानों पर तैयारियां विभिन्न चरणों में है। उत्तर प्रदेश में जो स्थान है उनमें से एक यमुना एक्सप्रेस वे पर है और दूसरा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार देश की सुरक्षा की दृष्टि से अहम 28 स्थानों की पहचान की गई है, जहां राजमार्ग पर भारी लड़ाकू विमान उतारने की सुविधाएं विकसित की जानी है।
इनका चुनाव इस तरह से किया गया है कि पाकिस्तान से सटे पश्चिमी सीमा के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत में अलग-अलग स्थानों पर भारी लड़ाकू विमान के उतरने और उड़ने में कोई परेशानी नहीं हो। आपात स्थिति में राजमार्ग पर बनने वाले ये स्टि्रप अहम साबित होंगे। खासतौर पर दुश्मन देश द्वारा हवाई सैन्य अड्डे को निशाना बनाने की स्थिति में इसे विकल्प के रूप में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन राज्यों में लड़ाकू विमानों के उतरने लायक बनाने का काम है अंतिम चरण में
ध्यान देने की बात है कि पिछले साल सितंबर में पाकिस्तान की सीमा से महज 50 किलोमीटर दूर राजस्थान के जालोर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 925 पर बने एयर स्ट्रिप का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया था। इस दौरान तत्कालीन सीडीएस जनरल विपिन रावत भी मौजूद थे। जिन चार स्थानों पर राजमार्ग के लड़ाकू विमानों के उतरने लायक बनाने का काम अंतिम चरण में है, उनमें दो आंध्र प्रदेश, एक जम्मू-कश्मीर और एक पश्चिम बंगाल में है। आंध्र प्रदेश में कुल तीन एयर स्ट्रिप बनाने हैं, जिनमें दो नेल्लोर-आंगोन के बीच और आंगोन-चिलकुडलीपेट के बीच का काम अंतिम चरण में है।
देश के इन हिस्सों में बनाए जाने हैं स्ट्रिप
इसी तरह से जम्मू-कश्मीर में दो स्ट्रिप बनाए जाने हैं, जिनमें एक बनिहाल-श्रीनगर का काम अंतिम चरण में है और पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित कुल पांच स्ट्रिप में से एक खड़गपुर-बालाकोट के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर काम अंतिम चरण में है। इसके अलावा राजस्थान में दो अन्य स्ट्रिप बनाएंगे। साथ ही गुजरात में दो, तमिलनाडु में दो, बिहार में दो, हरियाणा में दो, पंजाब में एक और असम में चार स्थानों को स्ट्रिप बनाने के लिए चुना गया है। इनकी प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।
लगभग तीन किलोमीटर सड़क को विशेष रूप से किया जाता है तैयार
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को लड़ाकू विमानों के उतरने लायक बनाने के लगभग तीन किलोमीटर सड़क को विशेष रूप से तैयार किया जाता है, ताकि लड़ाकू विमानों के वजन को वह सह सके। इसके साथ ही राजमार्ग की चौड़ाई और आसपास के पेड़-पौधों का भी विशेष ख्याल रखा जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में तीन किलोमीटर स्ट्रिप तैयार करने में 43 करोड़ रुपये का खर्च आया था, अन्य स्थानों पर कमोवेश यही स्थिति रहेगी। इसके अलावा कई स्थानों पर राज्य की राजमार्गों में इसी तरह से स्ट्रिप तैयार किये जा रहे हैं। जिनमें यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ हाइवे पर सफलतापूर्वक लड़ाकू विमान उतारे जा चुके हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।