'तुम्हें सियासत ने हक दिया है, जिसे भी चाहो हलाल कर दो...' नरोदा पाटिया नरसंहार केस पर ओवैसी का तंज
गुजरात के नरोदा गाम दंगों के मामले में बीते गुरुवार को स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया। SIT के विशेष जज एक के बक्शी की कोर्ट ने 20 अप्रैल को दंगे के सभी 67 आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर निशाना साधा है।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। Naroda gam massacre case: गुजरात के नरोदा गाम दंगों के मामले में बीते गुरुवार को स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया है। SIT के विशेष जज एक के बक्शी की कोर्ट ने 20 अप्रैल को दंगे के सभी 67 आरोपियों को बरी कर दिया।
21 साल बाद मामले में आया फैसला
दरअसल, 2002 में गुजरात में हुए दंगे में 11 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच के आधार पर गुजरात की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी सहित 86 लोगों को आरोपी बनाया था। बता दें कि 86 आरोपियों में से 18 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है। मामले में 21 साल बाद फैसला आया है।
इस फैसले के बाद कई विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं। नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में सभी 67 अभियुक्तों के बरी होने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान ओवैसी ने दिवंगत कवि राहत इंदौरी की एक कविता के हवाले से गुजरात की सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा।
जिसे चाहो हलाल कर दो- ओवैसी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राहत इंदौरी की एक शायरी पोस्ट करते हुए लिखा है, 'जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो। तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो। अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम, जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो।'
Jidhar se guzro dhuaan bichha do, Jahaan bhi pahucho dhamaal kar do.
Tumhe siyasat ne haq diya hai,
Hari zameeno ko laal kar do.
Appeal bhi tum, daleel bhi tum, Gawaah bhi tum, waqeel bhi tum.
Jise bhi chaho haraam keh do,
Jise bhi chaho Halal kar do@rahatindori https://t.co/OebayayCnf
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 20, 2023
बरी किए गए लोगों में भाजपा की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 18 अन्य अभियुक्तों की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई, जबकि एक व्यक्ति को 'गलत पहचान' के कारण 2009 में डिस्चार्ज कर दिया गया था।
नरोदा गाम में हुई थी हिंसा
नरोदा गाम और नरोदा पाटिया में हुई इस हिंसा के बाद गुजरात में दंगे फैल गए। इस मामले की जांच के लिए SIT टीम गठित की गई। राज्य की भाजपा सरकार पर दंगाईयों का सहयोग करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में भाजपा नेताओं के नाम भी सामने आए। SIT ने माया कोडनानी को घटना का मुख्य आरोपी बनाया था। गुजरात दंगों की शुरुआत नरोदा गाम से ही हुई थी। इस दौरान 27 शहरों और कस्बों में कर्फ्यू लगाया गया था। नरोदा के सभी मुस्लिम घर इस हादसे में नष्ट दिए गए थे।
अब तक मामले में क्या-क्या हुआ
इसके बाद साल 2009 में मामले की अदालती कार्यवाही शुरू हुई। मामले में 327 लोगों के बयान दर्ज किए गए। 2012 में SIT मामलों की विशेष अदालत ने माया कोडमानी और बाबू बजरंगी को हत्या और षडयंत्र रचने का दोषी पाया था। इस मामले में 32 अन्य लोगों को भी दोषी माना गया था। इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर 2017 में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 13 साल से इस मामले में सुनवाई चल रही है। इस मामले में एक बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी माया कोडनानी की तरफ से कोर्ट में गवाही दी थी।
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