मोदी व शाह संभालेंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव की कमान
भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर अपने विजय अभियान को जारी रखना चाहती है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद विधानसभा चुनाव की कमान संभालेंगे। शाह दिल्ली के नेताओं के साथ कई बार चुनाव को लेकर बैठक कर चुके हैं।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर अपने विजय अभियान को जारी रखना चाहती है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद विधानसभा चुनाव की कमान संभालेंगे। शाह दिल्ली के नेताओं के साथ कई बार चुनाव को लेकर बैठक कर चुके हैं। वहीं, मोदी रामलीला मैदान में रैली कर आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर चुके हैं।
शाह सहित अन्य केंद्रीय नेता यह स्पष्ट कर चुके हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए पार्टी वर्ष 2015 की शुरुआत ऐतिहासिक जीत के साथ करना चाहती है, जिसका लाभ उसे बिहार में भी मिल सके।
यही कारण है कि शाह ने दिल्ली में मिशन 60 का नारा दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा इतनी ही सीटों पर आगे रही थी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नवंबर में पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें बूथ जीतो चुनाव जीतो का मंत्र दिया था। इसके लिए पूरी रणनीति भी तैयार की गई है। सांसदों की नुक्कड़ सभाएं और पन्ना प्रमुख की तैनाती इसी रणनीति का हिस्सा है। इसी तरह से शाह ने सदस्यता अभियान को चुनाव प्रचार अभियान की तरह चलाने का निर्देश दिया है।
पन्ना प्रमुखों की तैनाती के साथ उन्हें प्रत्येक मतदाता से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है। प्रत्येक पन्ना प्रमुख अपनी जिम्मेदारी वाले मतदाताओं से पांच बार मिलकर उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करेगा। इसके अलावा होर्डिग, पोस्टर व रेडियो के माध्यम से भी चुनाव प्रचार अभियान चलाया जा रहा है, जो कि नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित है।
भाजपा नेताओं ने बताया कि शाह के साथ ही प्रधानमंत्री भी दिल्ली विधानसभा चुनाव पर नजर रख रहे हैं। रामलीला मैदान में उन्होंने दिल्ली से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था तथा आने वाले दिनों में उनकी और रैलियां आयोजित की जाएंगी। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा तथा उसके बाद मोदी की प्रस्तावित विदेश यात्रा से दिल्ली के नेताओं को उनकी रैलियों की तिथि निर्धारित करने में दिक्कत आ रही है। इसके बावजूद नेताओं को उम्मीद है कि दिल्ली में पर्याप्त संख्या में प्रधानमंत्री की रैली आयोजित होगी।