नीली पॉलीथिन, 25 लाख और स्टिंग आपरेशन...शिवसेना और भाजपा में चल रही अनबन के बीच नारायण राणे के बेटे आपस में भिड़े
महाराष्ट्र में नारायण राणे के दो बेटे अलग-अलग दलों में सक्रिय हैं। एक बेटा भाजपा में मंत्री है, जबकि दूसरा शिवसेना (शिंदे) में विधायक है। हाल ही में, नीलेश राणे ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया, जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ गया। नितेश ने अपने भाई के आरोपों का खंडन किया है। दोनों भाइयों के बीच पहले भी कई बार मनमुटाव हो चुका है।

शिवसेना और भाजपा में चल रही अनबन के बीच नारायण राणे के बेटे आपस में भिड़े।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एक ही परिवार के दो लोगों की भिन्न-भिन्न दलों में सक्रियता सामान्य बात है। राज-उद्धव, सुप्रिया-अजीत जैसे नाम बहुचर्चित रहे हैं। अब इसी श्रेणी में नारायण राणे के भी दो बेटे सियासत में अलग-अलग दलों में रहकर सिरफुटौव्वल करते दिखाई दे रहे हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके नारायण राणे पिछला लोकसभा चुनाव भाजपा से लड़कर जीते हैं। उस समय वह और उनके दोनों पुत्र नीलेश और नितेश राणे भी भाजपा में ही थे। लेकिन उसके छह माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नितेश को तो कणकवली विधानसभा सीट से टिकट दिया, लेकिन नीलेश को टिकट नहीं दिया।
राणे के बेटों में राजनीतिक खींचतान
तब नीलेश ने शिवसेना (शिंदे) से कुडाल विधानसभा क्षेत्र से टिकट लिया। चुनाव में दोनों ही अलग-अलग विधानसभा सीटों से जीते। लेकिन नितेश को भाजपा ने मंत्री बनाया, और नीलेश सिर्फ विधायक ही रह गए। माना जाता है कि उसी समय से परिवार में मनमुटाव की शुरुआत हो गई थी।
इन दिनों महाराष्ट्र में 246 नगर परिषदों एवं 42 नगर पंचायतों के चुनाव हो रहे हैं। राज्य सरकार में भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजीत पवार) साथ होने के बावजूद स्थानीय निकाय चुनावों में अनेक स्थानों पर खींचतान भी चल रही है। यही खींचतान नारायण राणे के प्रभाव वाले सिंधुदुर्ग जिले में भी साफ दिखाई दे रहा है। दो दिन पहले ही नीलेश राणे ने एक भाजपा कार्यकर्ता के घर में घुसकर एक स्टिंग आपरेशन किया।
एक बेटा मंत्री, दूसरा विधायक
नीलेश ने उसके शयनकक्ष में एक नीली पॉलीथिन में रखे 25 लाख रुपयों का वीडियो बनाया और मीडिया के सामने आकर दावा किया कि उक्त कार्यकर्ता के घर ये पैसे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के दौरे के बाद मिले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये भाजपा चुनाव जीतने के लिए पैसे बांट रही है।
अब बारी थी राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे की। उन्होंने नीलेश के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हममें से ज्यादातर लोग राजनीतिक दल का कार्यकर्ता बनने से पहले किसी न किसी व्यवसाय से भी जुड़े होते हैं।
सबकी कहीं न कहीं से वैध व्यावसायिक आय होती है। इसलिए किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता के घर से नकदी मिलने को अन्यथा नहीं देखा जाना चाहिए। नितेश ने थोड़ा तीखे तेवर दिखाते हुए यह भी कहा कि हमाम में सब नंगे होते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के दौरे पर नीलेश द्वारा की गई टिप्पणी पर नितेश ने कहा कि हमारे प्रदेश पार्टी प्रमुख हर उस जगह का दौरा करेंगे, जहां चुनाव हो रहे हैं।
नीलेश के स्टिंग आपरेशन के बाद भाजपा जवाब
बुधवार को नीलेश के स्टिंग आपरेशन के बाद भाजपा नेता आशीष शेलार ने भी उनके आरोपों का जवाब दिया था। आज पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी नीलेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह भी पूछा जाना चाहिए कि क्या किसी के घर में सीधे घुसना, उसके शयन कक्ष में जाना, और फिर यह दावा करना उचित है कि यह स्टिंग आपरेशन है।
बता दें कि कुछ माह पहले भी नितेश और नीलेश के बीच पार्टी स्तर पर तकरार सामने आ चुकी है। तब धाराशीव जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए नितेश राणे ने कहा था कि भाजपा का मुख्यमंत्री सबका बाप होता है।
उनके इस बयान के बाद उनके बड़े भाई नीलेश ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि नितेश को सोच-समझकर बोलना चाहिए। मंच से जोश में बोलना आसान होता है। लेकिन हर बात का असर होता है। यह ध्यान रखना चाहिए कि हम गठबंधन में हैं।

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