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    दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो सकता है नंदीग्राम का चुनाव बाद हिंसा मामला, CBI ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 02:01 AM (IST)

    सीबीआई ने नंदीग्राम हिंसा मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसके बाद 42 तृणमूल नेताओं को नोटिस भेजा गया है। तृणमूल नेता अबू ताहिर ने सीबीआई पर भाजपा शासित राज्य में मामले को स्थानांतरित करने का आरोप लगाया है और कहा कि वे इसका विरोध करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव से पहले नेताओं को व्यस्त रखने की यह एक रणनीति है। 

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    नंदीग्राम हिंसा: सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में मामला स्थानांतरित करने की मांग की।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। सीबीआइ ने बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में चुनाव बाद हुई ¨हसा के मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

    जांच एजेंसी की अर्जी पर शीर्ष अदालत ने नंदीग्राम के 42 तृणमूल नेताओं को नोटिस भेजा है। लगभग 900 पन्नों के इस नोटिस का मुख्य सार यह है कि उन्हें अगले एक महीने के भीतर हलफनामा दाखिल करना होगा कि मामले को दूसरे राज्य में क्यों न स्थानांतरित कर दिया जाए।

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    नंदीग्राम के तृणमूल कांग्रेस नेता अबू ताहिर ने कहा कि पार्टी ने मामले से निपटने के तरीके पर काम करना शुरू कर दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआइ जानबूझकर मामले को भाजपा शासित राज्य में स्थानांतरित करने की कोशिश कर रही है। हम पूरी ताकत से इसके खिलाफ लड़ेंगे।

    उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से पहले नंदीग्राम के शीर्ष तृणमूल नेताओं को मामलों और मुकदमेबाजी में व्यस्त रखने के लिए यह तरीका अपनाया गया है। बता दें कि 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद नंदीग्राम के बड़े हिस्से में अशांति फैल गई थी। तृणमूल कांग्रेस से जुड़े उपद्रवियों पर हमले, तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप लगे थे।


    नंदीग्राम के चिलोग्राम निवासी और भाजपा कार्यकर्ता देबब्रत मैती की हत्या कर दी गई थी। इसमें देबब्रत की पत्नी कल्पना मैती ने नंदीग्राम थाने में कई तृणमूल नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच सीबीआइ ने अपने हाथ में ले ली तो 42 तृणमूल नेताओं के नाम सामने आए। आरोपितों की सूची में ताहिर और शेख सूफियान जैसे सत्तारूढ़ दल के नेता शामिल हैं। इनमें से कई लंबे समय तक जेल की सजा काट चुके हैं और अभी जमानत पर बाहर हैं।