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    कट गया है वोटर लिस्ट से नाम तो चुनाव आयोग के दिखाएं आधार, सुप्रीम कोर्ट का राहत भरा फैसला

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 06:44 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण मामले में कहा कि जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं वे आधार कार्ड जमा कर चुनौती दे सकते हैं। चुनाव आयोग ने आधार को नागरिकता का प्रमाण न मानते हुए अस्वीकार कर दिया था। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि हटाए गए 65 लाख लोगों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक करे।

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    जिनके नाम कटे वो EC को आधार दिखाएं- SC

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण बात कही। कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के बिहार की मतदाता सूची से नाम हटा दिए गए हैं, वे इसे चुनौती देने के लिए अपना आधार कार्ड जमा कर सकते हैं।

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    चुनाव आयोग ने आधार को स्वीकार करने से यह तर्क देते हुए इनकार कर दिया था कि यह पहचान का प्रमाण तो हो सकता है, लेकिन नागरिकता का वैध प्रमाण नहीं है।

    हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि दूसरे राज्यों में SIR के लिए आधार एक योग्य दस्तावेज होगा या नहीं। फिलहाल, यह उन केवल उन लोगों के लिए है जिनके नाम बिहार में लिस्ट से हटा दिए गए हैं।

    जिनके नाम कटे वो EC को आधार दिखाएं- SC

    जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं वो आधार कार्ड की एक फोटोकॉपी के साथ चुनाव आयोग के सामने अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।

    जिनकी मौत हुई उनके नामों का खुलासा क्यों नहीं?- SC

    जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा है कि लिस्ट से हटाए गए 65 लाख नामों में से 22 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। अगर 22 लाख लोगों की मृत्यु हुई है, तो बूथ स्तर पर इसका खुलासा क्यों नहीं किया जाता? हम नहीं चाहते कि नागरिकों का अधिकार राजनीतिक दलों पर निर्भर हो।

    65 लाख लोगों के नाम सार्वजनिक करें- SC

    सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह बिहार की मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए या हटाए गए लगभग 65 लाख लोगों की लिस्ट, उनके हटाए जाने के कारण सहित, जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर सार्वजनिक करे।

    शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को स्थानीय समाचार पत्रों, दूरदर्शन, रेडियो या किसी भी आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार करने का भी निर्देश दिया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग सुधार के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करें।

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