Myanmar clashes: 'म्यांमार की यात्रा करने से बचें भारतीय नागरिक', विदेश मंत्रालय की सलाह- यांगून दूतावास में कराएं पंजीकरण
साल 2021 में म्यांमार में मौजूदा संघर्ष शुरू होने के बाद से बड़ी संख्या में पड़ोसी देश के नागरिकों ने भारत में शरण ली है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक म्यांमार में पिछले महीने से तेज हुई लड़ाई के कारण करीब 90000 लोग विस्थापित हुए हैं। इसी बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों से म्यांमार में गैर-जरूरी यात्रा न करने की हिदायत दी है।
एएनआई, नई दिल्ली। Myanmar clashes। म्यांमार में फरवरी 2021 में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार से सेना द्वारा सत्ता छीनने के बाद से लोकतंत्र समर्थक बलों और जातीय आधार पर सशस्त्र समूहों पर सैन्य स्थापित सरकार के हमलों में अक्सर नागरिक हताहत हुए हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले म्यांमार से कई नागरिक और सैनिक सीमा पार करते हुए मिजोरम दाखिल हो गए थे।
हालांकि, उन सभी को उनके देश वापस भेज दिया गया। इसी बीच मंगलवार को भारत ने अपने नागरिकों से पड़ोसी देश की गैर-जरूरी यात्रा से बचने के लिए कहा है। इसके साथ ही वहां रहने वाले भारतीयों को यांगून स्थित दूतावास में पंजीकरण कराने का परामर्श दिया।
हिंसा की वजह से 90,000 लोग हुए विस्थापित: संयुक्त राष्ट्र
साल 2021 में म्यांमार में मौजूदा संघर्ष शुरू होने के बाद से बड़ी संख्या में पड़ोसी देश के नागरिकों ने भारत में शरण ली है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, म्यांमार में पिछले महीने से तेज हुई लड़ाई के कारण करीब 90,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
म्यांमार में हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से बचे: भारत सरकार
भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा,"म्यांमार में उभरती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर, सभी भारतीय नागरिकों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। जो लोग पहले से ही म्यांमार में रह रहे हैं, उन्हें सावधानी बरतने और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। वहीं, लोगों को सड़क मार्ग से अंतरराज्यीय यात्रा करनी चाहिए।
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