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मुंबई धमाका: भारतीयों का खून बहाने दुबई अौर पाक से दौसा ने भेजा था हथियार

हथियारों को चलाने और विस्फोटकों को अंजाम देने के लिए अनेक युवाओं को बहका-फुसलाकर पाकिस्तान और भारत में ट्रेनिंग कैंप आयोजित किए। उन्हें दुबई के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 11:37 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 11:45 AM (IST)
मुंबई धमाका: भारतीयों का खून बहाने दुबई अौर पाक से दौसा ने भेजा था हथियार
मुंबई धमाका: भारतीयों का खून बहाने दुबई अौर पाक से दौसा ने भेजा था हथियार

मुंबई, जेएनएन। मुस्तफा दोसा 1993 सीरीयल बम धमाके के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल था। इन धमाकों की साजिश रचने के लिए उसने ही बैठकें कराई थीं। मुंबई में विस्फोटकों और हथियारों की खेप पहुंचाने का भी इंतजाम किया था। इस करतूत के लिए दोषी मुस्तफा को अदालत कोई सजा सुना पाती इससे पहले ही उसकी मौत हो गई।

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मंगलवार की रात उसे सीने में दर्द की शिकायत के बाद जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुस्तफा को उच्च रक्तचाप और शुगर की शिकायत थी। 

सीबीआइ ने अदालत में दावा किया था कि दोसा का अपराध याकूब मेनन से भी ज्यादा गंभीर है इसीलिए उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए। सीबीआइ के मुताबिक, दोसा इन धमाकों की सबसे अहम कड़ी था। सलीम शेख के 1995 में दिए गए बयान के बाद डोसा को आरोपी बनाया गया था। उसे 20 मार्च 2003 को दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।

दुबई में हुई थी बैठक
दरअसल मामले की जांच के दौरान सामने आया था कि डोसा इस अपराध की सबसे अहम कड़ियों में शामिल था। अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने और मुंबई में हुए दंगों का बदला लेने की साजिश रचने के लिए दुबई में एक बैठक हुई। यह बैठक मुहम्मद डोसा के घर पर हुई।

बैठक में डोसा भाइयों के अलावा यासीन ख्वाजा, हैदर सलीम तलवार, टाइगर मेमन, दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम और अयूब शामिल हुए। मुस्तफा डोसा ने ही इस बैठक का इंतजाम किया था। इसके बाद योजना के तहत दिघी जेट्टी पर हथियारों का जखीरा उतारने और उसे महानगर तक पहुंचाने में भी उसकी अहम भूमिका थी।

डोसा ने युवकों को भेजा पाकिस्तान :
अभियोग पक्ष के अनुसार, बाबरी मस्जिद को ढहाने के बाद बदला लेने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नेतृत्व में दुबई में एक बैठक हुई। इसमें मुंबई में बम धमाके करने का षडयंत्र रचा गया। इस षडयंत्र में दाऊद के साथ टाइगर मेमन, मोहम्मद डोसा और मुस्तफा डोसा ने भाग लिया था।

इन विस्फ‌ोट को अंजाम देने के लिए बड़ी मात्रा में गोला बारुद, हथियार, आरडीएक्स आदि भारत चोरी-छिपे मंगाए गए। मुस्तफा डोसा, टाइगर मेमन और छोटा शकील ने इन हथियारों को चलाने और विस्फोटकों को अंजाम देने के लिए अनेक युवाओं को बहका-फुसलाकर पाकिस्तान और भारत में ट्रेनिंग कैंप आयोजित किए। उन्हें दुबई के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया।

सीबीआइ के अनुसार, इस तरह के षडयंत्र रचने के लिए विस्फोट से पहले 15 बैठकें आयोजित की गईं। जिनका आयोजन डोसा ही करता था।

षडयंत्र की पहली बैठक दिसंबर, 1992 में दुबई में भगोड़े आरोपी मोहम्मद डोसा के घर में हुई थी। दूसरी ऐसी बैठक पनवेल होटल में 6 जनवरी, 1993 को हुई थी। यहां फिरोज भी था जो रायगढ़ जिले में हथियार-गोला बारूद उतारने के लिए कस्टम अधिकारियों को 'पटा' चुका था।

सीबीआइ के अनुसार, इसके लिए कस्टम वालों ने 10 लाख रुपये रिश्वत ली। मुस्तफा ने अपने भाई को बताया कि हथियार भेज दिए गए हैं। फिरोज अलीबाग गया और 9 जनवरी को हथियार और धमाकों से जुड़ी दूसरी सामग्री उतरवायी गई। बाद में इन्हीं का इस्तेमाल धमाकों के लिए किया गया।

बता दें कि 12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन धमाकों में 27 करोड़ रुपये संपत्ति नष्ट हुई थी। इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। अवैध हथियार मामले में संजय दत्त अपनी सजा पूरी कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें: 1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस में दोषी मुस्तफा डोसा की मौत


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