Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'मुसलमान 4 शादियां कर सकते हैं, लेकिन सभी पत्नियों के साथ एक जैसा बर्ताव करें', मद्रास हाई कोर्ट ने क्यों कही यह बात

    Updated: Thu, 28 Dec 2023 05:03 PM (IST)

    Muslim Polygamy मद्रास हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मुसलमानों को बहुविवाह का अधिकार है लेकिन उन्हें सभी पत्नियों के साथ एक जैसा व्य ...और पढ़ें

    Hero Image
    Muslim Polygamy मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Muslim Polygamy मुसलमानों को इस्लामिक कानून के तहत एक से ज्यादा विवाह करने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो अपनी एक पत्नी से अलग तो दूसरी से अलग तहर से बर्ताव करे। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सभी पत्नियों से करना होगा एक जैसा व्यवहार

    मुस्लिम शख्स को अपनी सभी पत्नियों से समान तरीके से बर्ताव करना होगा और उन्हें समान अधिकार देने होंगे। दरअसल, ये टिप्पणी मद्रास हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने कहा कि मुसलमानों को बहुविवाह का अधिकार है, लेकिन उन्हें सभी पत्नियों के साथ एक जैसा व्यवहार करना होगा।

    नहीं तो क्रूरता माना जाएगा...

    कोर्ट ने कहा कि अगर पति दोनों पत्नियों के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं करता, तो ये क्रूरता माना जाता है।

    पती ने पत्नी को किया प्रताड़ित

    बार एंड बेंच में दी गई जानकारी के अनुसार, एक केस में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आरएमटी टीका रमन और न्यायमूर्ति पीबी बालाजी की पीठ ने तिरुनेलवेली की एक पारिवारिक अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जिसने क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद का आदेश दिया था।

    खंडपीठ ने कहा कि पति और उसके परिवार ने अपनी पहली पत्नी को प्रताड़ित किया और परेशान किया। इसके बाद उसने दूसरी पत्नी से शादी की और उसी के साथ रह रहा। 

    कोर्ट ने ये सुनाया फैसला

    कोर्ट में पत्नी ने कहा कि पति प्रेगनेंसी के दौरान भी उसका ख्याल नहीं रखता था और खाना भी सही से नहीं मिलता था। इसके चलते वो अपने मायके चली गई। उसने कहा कि इसके बाद पति ने उसे घर आने को कहा और न आने पर उसने दूसरी शादी कर ली। 

    पत्नी की बात सुनकर कोर्ट ने कहा कि पति ने पहली पत्नी से सही बर्ताव नहीं किया और इसके चलते उसे अलग होने का हक है।