'मुझे अंदाजा था कि वहां एक मंदिर...', Gyanvapi परिसर में पूजा को लेकर क्या बोलीं मुस्लिम रामभक्त Shabnam Shaikh?
Shabnam Shaikh on Gyanvapi case मुंबई से अयोध्या पैदल पहुंचने वाली शबनम शेख ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना करने की इजाजत को लेकर अपनी प्रतिक्रिया ...और पढ़ें

पीटीआई, नई दिल्ली। Ram Mandir। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है। आज के समय हजारों रामभक्त हर रोज राघव रूपी भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या पहुंच रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर वाराणसी जिला अदालत की ओर से ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा-अर्चना की बुधवार को अनुमति के बाद देर रात बैरिकेडिंग से रास्ता बनाते हुए व्यास जी का तहखाना खोल दिया गया।
'भोले बाबा के बिना राम-राज्य अधूरा'
देश के अलग-अलग राज्यों से हर रोज रामभक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसी बीच मुंबई से अयोध्या पैदल पहुंचने वाली शबनम शेख (Shabnam Shaikh) ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना करने की इजाजत को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा भोले बाबा के बिना राम-राज्य अधूरा है। हम भी इस खबर पर नजर रख रहे थे और कहीं न कहीं हमें अंदाजा था कि वहां एक मंदिर है।''

शबनम की भगवान राम के प्रति अटूट आस्था
बता दें कि शबनम शेख अपने दोस्तों रमन राज शर्मा और विनीत पांडे के साथ अयोध्या यात्रा पर निकली थीं। उनका मकसद रामलला का दर्शन करना था। मुस्लिम होने के बावजूद शबनम की भगवान राम के प्रति अटूट आस्था है। यही वजह है जिसने शबनम को राम जन्मभूमि जाने के लिए प्रेरित किया है।
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अयोध्या क्यों गईं शबनम
अयोध्या की यात्रा के पीछे के उद्देश्य पर शबनम कहती हैं कि भगवान राम तो सबके हैं। उनके लिए सब एक समान है। भगवान राम की पूजा किसी विशेष धर्म या जाति तक ही सीमित नहीं है। साथ ही उसे इस सोच को भी तोड़ना है कि लड़कियां पैदल यात्रा नहीं कर सकती है।

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