महिलाओं के लिए एक मजबूत संदेश है 'मर्की गर्ल'
जहां लेखक ने समाज में उन महिलाओं के लिए एक मजबूत संदेश को चित्रित करने की कोशिश की जिन्हें त्याग दिया गया और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यह कहानी रहस्यमयी अवंत की यात्रा के बारे में है जिसे जन्म के ठीक एक महीने बाद माता-पिता ने छोड़ दिया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में हिंदी में बहुत कम ही बेहतरीन किताबें लिखी जाती हैं। ज़्यादातर पाठक भी बाहर के लेखकों को पसंद करते हैं। ऐसे समय में वृंदा सिंह अपनी नई किताब लिखने के लिए बधाई की पात्र हैं। मर्की गर्ल एक काफी रोचक कहानी है जो पाठकों को बांध के रखती है।
जहां लेखक ने समाज में उन महिलाओं के लिए एक मजबूत संदेश को चित्रित करने की कोशिश की, जिन्हें त्याग दिया गया और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यह कहानी रहस्यमयी अवंत की यात्रा के बारे में है, जिसे जन्म के ठीक एक महीने बाद उसके माता-पिता ने छोड़ दिया था। उन्होंने उसे कुएं में फेंक दिया था, लेकिन भगवान ने अवंत के लिए कुछ और भाग्य लिखा था। और, इस नियति ने अवंत को एक वेश्यालय की अराजकता में पहुंचा दिया।
वेश्यालय में अवंत को दीपाली मिली, जो उसका मां की तरह ख्याल रखती थी। दीपाली की मौत से पहले किसी को अवंत की शक्ति के बारे में पता नहीं था। मौत कुछ ऐसी थी जिसने अवंत और उसके जादू के बारे में सभी को अवगत कराया। आगे की कहानी अवंत की अपनी मां को ढूंढने की यात्रा और उसके अंदर अलौकिक शक्ति होने का कारण की है। वृंदा सिंह की लेखनी और जिस तरीके से उन्होंने कहानी को बयां किया है - वो पाठकों को इस दुनिया की सच्चाई के ऊपर प्रश्न करने पर मजबूर करती है। साथ ही साथ ये समाज के कई पहलुओं पर भी उंगली उठाती है। हालाँकि कहानी के पात्र कहीं-कहीं ढीले नज़र आते हैं। कई जगह ऐसा लगता है कि वृंदा उन पात्रों के भावों को उतनी अच्छी तरह से बाहर नहीं ला पायी जितना की हो सकता था।