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    'वो बिल्कुल हमास की तरह दाखिल हुए', मुंबई आतंकी हमले में मारे गए छह यहूदी और नरीमन हाउस की दर्दनाक दास्तां

    Mumbai Attack 26/11 भारत में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले की 15वीं मनाई जा रही है। 26 नवंबर 2008 की रात को पाकिस्तानी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई के पांच ठिकानों पर जमकर गोलियां बरसाई। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई जिसमें छह यहूदी नागरिक शामिल थे। आतंकियों ने जिन पांच ठिकानों को निशाना बनाया उनमे से एक नरिमन हाउस भी थी।

    By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Sun, 26 Nov 2023 12:27 PM (IST)
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    26/11 आतंकी हमले में नरीमन हाउस के अंदर छह यहूदी नागरिकों की मौत हुई थी।(फोटो सोर्स: जागरण)

    नई दिल्ली, जेएनएन। Mumbai Attack 26/11। 7 अक्टूबर की रात इजरायल कभी न भूले। हमास के लड़ाके ने रॉकेट के जरिए हमले करते हुए 1200 बेकसूर इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी। इजरायल ने भी हमास से बदला लेने के लिए जंग छेड़ दिया। गाजा में अब तक 15000 से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। ईरान जैसे कुछ देशों को छोड़कर पूरी दुनिया ने हमास के कृत्य को एक आतंकी घटना मान रही है।

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    वहीं, आज भारत में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले की 15वीं मनाई जा रही है।  26 नवंबर 2008 की रात को पाकिस्तानी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई के पांच ठिकानों पर जमकर गोलियां बरसाई। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई जिसमें छह यहूदी नागरिक शामिल थे।

    आतंकी हमले में मारे गए छह यहूदी

    आतंकियों ने मुंबई के जिन पांच ठिकानों को निशाना बनाया उनमे से एक नरिमन हाउस (Nariman House) भी थी। बता दें कि इस जगह को नरीमन हाउस चबाड़ लुबाविच सेंटर से भी जाना जाता था। यह यहूदियों की मदद करने के लिए बनाया गया एक सेंटर था। इस जगह पर अक्सर यहूदी पर्यटक ठहरते थे।

    इस हमले का संचालन करने वाले दंपत्ति रब्बी गैब्रिएल होल्ट्जबर्ग और रिवका होल्ट्जबर्ग भी मारे गए थे। इस हमले में उनका दो साल का बेटा मोशे होल्ट्जबर्ग की जान बच गई थी। मोशे को उनकी आया सैंड्रा ने अपनी जान को दांव पर लगाकर बचाया था। साल 2023 में मोशे 17 साल का हो चुका है। कुछ दिनों पहले मोशे ने आतंकवाद को लेकर दुनिया से अपील करते हुए कहा' मुझपर जो गुजरी है, वह किसी पर न गुजरे।'

    इस हाउस में आतंकियों ने सात लोगों को निशाना बनाया था, जिनमें छह  यहूदी थे। इस हमले के छह साल बाद नरीमन हाउस को एस म्यूजियम के रूप में आम जनता के लिए खोला गया।

    यहां के कमरों की दीवारों और गलियारों में सैकड़ों गोलियों के और ग्रेनेडों से निकले छर्रों के निशान आज भी उस रात की बर्बरता की कहानी बयां करते हैं। इस हाउस के एक दीवार पर लिखा है, 'हम 26 नवंबर को किए गए हमले की निंदा करते हैं।'

    बिल्कुल हमास की तरह भारत में दाखिल हुए आतंकी: नाओर गिलोन

     मुंबई आतंकवादी हमले की बरसी को याद करते हुए भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा,"यह एक भयानक घटना थी कुछ लोग आपके देश में दाखिल होकर अराजकता पैदा करने लगे और लोगों की जान लेने लगे, कुछ इसी तरह जैसे हमास इजरायल में घुसे थे। उनका उद्देश्य न केवल हत्या करना है बल्कि लोगों में दहशत पैदा करना भी था।"

    नाओर गिलोन ने कहा, "भारत हमेशा इजरायल के साथ खड़ा है। हम भी यह बताना चाहते हैं कि हम (इजरालय) भी आपके (भारत) साथ खड़े हैं। आतंकवाद से लड़ने के लिए कोई किंतु-परुंतु की जरूरत नहीं है। जैसा कि पीएम मोदी ने सही कहा है कि आतंकवाद एक वैश्विक घटना है, आतंकवाद से लड़ने के लिए आपको विश्व स्तर पर हाथ मिलाना होगा।"

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