मेट्रो स्टेशन से गायब हुआ पंडित नेहरु का नाम, कांग्रेस ने जमकर काटा बवाल
मुंबई में मेट्रो स्टेशन का नाम जवाहरलाल नेहरू के नाम पर न रखने पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा। भाजपा ने 2013 के एक शासनादेश का हवाला देते हुए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया, जिसमें कांग्रेस सरकार द्वारा ही नेहरू का नाम हटाने की बात कही गई थी। भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा भाजपा के साथ भेदभाव किया है।

कांग्रेस का भाजपा पर नेहरू के नाम हटाने का आरोप। इमेज- सोशल मीडिया
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई के एक मेट्रो स्टेशन का नामकरण देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलालनेहरू के नाम पर न किए जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा, तो भाजपा ने 2013 का एक शासनादेश दिखाकर कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में मुंबई की पहली 34 किमी लंबे भूमिगत मेट्रो ट्रेन रूट का उद्घाटन किया है।
इसी मेट्रो ट्रेन के एक स्टेशन का नामकरण 'साइंस सेंटर' किया गया है, क्योंकि यह स्टेशन वरली स्थित नेहरूसाइंस सेंटर के निकट स्थित है। महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सचिन सावंत ने अपने एक्स अकाउंट पर यह लिखते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर इस मेट्रो स्टेशन के नाम को जवाहरलालनेहरू के नाम पर नहीं रखा। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू विश्व आइकान हैं।
कांग्रेस का भाजपा पर नेहरू के नाम हटाने का आरोप
भाजपा का ऐसा करना पूर्व प्रधानमंत्री की स्मृतियों का गहरा अपमान है। सावंत ने कहा कि नेहरू का योगदान इतना बड़ा और अटल है कि भाजपा उनसे कितनी भी नफरत करे, या उनकी विरासत को खराब करने की कोशिश करे। लेकिन उनकी यह कोशिश आकाश में थूकने जैसी ही साबित होगी। सावंत के अनुसार पूरी दुनिया जानती है कि जहां मेट्रो-3 का यह स्टेशन बना है, उस क्षेत्र को नेहरूसाइंस सेंटर के नाम से ही जाना जाता है।
भाजपा का 2013 के शासनादेश से पलटवार
इसके बावजूद भाजपा को नेहरू के नाम से एलर्जी है। इसलिए उसने मेट्रो स्टेशन का नामकरण सिर्फ 'साइंस सेंटर' किया है। सावंत के अनुसार यह भी इतिहास को बदलने के एक प्रयास जैसा है। सचिन सावंत के इस आरोप पर मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम ने पलटवार करते हुए 2013 में कांग्रेस के ही नेतृत्व में चल रही संप्रग सरकार का एक गैजेटनोटीफिकेशन दिखाते हुए कहा कि इस मेट्रो स्टेशन के नामकरण में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।
कांग्रेस शासन में ही बदला गया था नाम
कांग्रेस के ही शासनकाल में नेहरू का नाम मेट्रो स्टेशन से हटा दिया गया था। भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब तक सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री कांग्रेस के ही हुए हैं। लेकिन यह कांग्रेस ही थी, जो भाजपा के साथ अछूत जैसा व्यवहार करती रही थी।
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