मुंबई मेट्रो को मिली नई 'लाइफ लाइन', साउथ मुंबईकरों का सफर बनाएगी आसान
मुंबई में मेट्रो-3 के शुरू होने से शहर को एक नई जीवन रेखा मिली है। यह 34 किलोमीटर लंबी लाइन दक्षिणी मुंबई को अंधेरी और पवई जैसे उपनगरों से जोड़ती है। मेट्रो-3 का रूट कार्यालय क्षेत्रों से होकर गुजरता है, जिससे यात्रियों को सुविधा होगी। यह लाइन कई महत्वपूर्ण इमारतों के नीचे से गुजरती है, जिससे शहर के लोगों को यातायात में बड़ी राहत मिलेगी।

मुंबई मेट्रो को मिली नई 'लाइफ लाइन'। इमेज सोर्से- सोशल मीडिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई में चलनेवाली मध्य एवं पश्चिम रेलवे की लोकल (उपनगरीय) ट्रेनों को अब तक मुंबई की ‘लाइफ लाइन’ कहा जाता था। आज से 34 किमी. लंबी मेट्रो-3 के रूप में मुंबई को तीसरी लाइफ लाइन मिल गई है। तीन तरफ समुद्र से घिरी मुंबई का दिल दक्षिण मुंबई माना जाता है। जहां नरीमन प्वाइंट जैसा कार्पोरेट हब होने के साथ-साथ, मंत्रालय, विधानभवन, कई बैंकों के मुख्यालय एवं ताजमहल तथा ट्राइडेंट जैसे पांच स्टार होटल इत्यादि हैं।
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र गेटवे आफ इंडिया, मरीन ड्राइव एवं चौपाटी भी यहीं हैं। मुंबई के इस हिस्से में काम करने के लिए लोगों को मध्य एवं उत्तरी हिस्से में बसे उपनगरों से आना पड़ता है। इसके लिए मध्य रेलवे एवं पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनें एक बड़ा सहारा होती हैं। लेकिन महानगर की बढ़ती आबादी के कारण सामान्यतः हर तीन मिनट पर उपलब्ध होनेवाली इन लोकल ट्रेनों भी सुबह के समय उत्तर से दक्षिण की ओर जानेवाली एवं शाम को दक्षिण से उत्तर की ओर आनेवाली लोकल ट्रेनों में इतनी भीड़ होती है, कि उनमें चढ़ना और उतरना भी मुश्किल होता है।
लोकल ट्रेनों की लाइनों के मध्य बनाई गई भूमिगत मेट्रो-3
अब लोकल ट्रेनों की इन दोनों लाइनों के मध्य बनाई गई भूमिगत मेट्रो-3 लाइन मुंबईवासियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आ रही है। मुंबई के भीड़भाड़ भरे मध्य भाग में रहनेवाले लोग इस मेट्रो का उपयोग कर अंधेरी उपनगर के पूर्व एवं आईआईटी मुंबई एवं पवई जैसे स्थानों के पश्चिमी हिस्से से मेट्रो-3 पर सवार होकर दक्षिण मुंबई के कफ परेड तक सीधे पहुंच सकते हैं। मेट्रो-3 की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि इसका रूट कार्यालयीन क्षेत्रों से होते हुए तैयार किया गया है, जहां से लोग बिना आटो-टैक्सी का सहारा लिए मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। मेट्रो की यह लाइन मध्य रेलवे के दक्षिणी छोर के अंतिम स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस एवं पश्चिम रेलवे के दक्षिणी छोर के अंतिम स्टेशन से भी करीब चार किमी. आगे, यानी समुद्र के बिल्कुल किनारे कफ परेड तक पहुंचाती है।
इन इलाकों को जोड़ेगी मेट्रो- 3
यह महानगर के उत्तरी छोर पर सीप्ज, आईआईटी एवं हीरानंदानी गार्डेन्स जैसी टाउनशिप को जोड़ते हुए दक्षिणी छोर पर कफ परेड, नरीमन प्वाइंट, फाउंटेन फ्लोरा, मुंबई महानगरपालिका, मुंबई देवी जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्र, वरली, दादर, सिद्धिविनायक, धारावी, बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स सहित मुंबई के घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय विमानतलों के निकट से गुजरती है। जापान के सहयोग से सिर्फ 10 वर्षों से तैयार हुई इस लाइन की जिस विशेषता की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्यान खींचा, वह यह है कि सिर्फ एक शुरुआती स्टेशन को छोड़कर इस पूरी मेट्रो लाइन का मार्ग मुंबई महानगर की कई गगनचुंबी एवं कुछ ऐतिहासिक इमारतों के नीचे से उन इमारतों को बिना कोई क्षति पहुंचाएं तैयार किया गया है। एक स्थान पर तो यह मेट्रो लाइन शहर के बीच से गुजरनेवाली मीठी नदी के भी नीचे से गुजरती है।
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