मुंबई की दो शैली की इमारतों पर फिदा हैं धरोहर प्रेमी
लंदन और कुछ यूरोपीय शहरों की ही तरह मुंबई को भी वित्तीय राजधानी होने के साथ ही विश्व विरासत स्थल होने की अनूठी पहचान मिलेगी।
मुंबई [राज्य ब्यूरो]। विक्टोरियन गॉथिक और आर्ट डेको वास्तु शैली की मुंबई स्थित इमारतों को यूनेस्को के विश्व धरोहर घोषित करने के फैसले का धरोहर प्रेमियों ने स्वागत किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यूनेस्को में भेजी भारत की आधिकारिक प्रविष्टि को स्वीकार किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि लंदन और कुछ यूरोपीय शहरों की ही तरह मुंबई को भी वित्तीय राजधानी होने के साथ ही विश्व विरासत स्थल होने की अनूठी पहचान मिलेगी। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि यह मुंबई और महाराष्ट्र के लिए एक बहुत बड़ा दिन है।
इसीतरह जे.जे. कॉलेज ऑफ आर्किटेक्टर के प्रधानाचार्य प्रोफेसर राजीव मिश्र के अनुसार आर्ट डेको इमारतें मुंबई के वास्तुशिल्प हेरिटेज का अलंकार हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कुछ समय पहले 'विक्टोरियन गॉथिक' एवं 'आर्ट डेको' इमारतों वाले क्षेत्र को 'हेरिटेज प्रेसिंक्ट' घोषित किया था। अब विश्व धरोहर में शामिल होने से निश्चित रूप से इनका बेहतर संरक्षण हो सकेगा।
कुछ वर्ष पहले जब जे.जे.कालेज आफ आर्किटेक्चर के छात्रों ने मुंबई की आर्ट डेको इमारतों पर प्रदर्शनी लगाई थी, तब मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी के अध्यक्ष रहे वी. रंगनाथन ने कहा था कि इस तरह की प्रदशर्नियों से हेरिटेज संरक्षण में तो मदद मिलेगी ही, लोगों में अपनी धरोहर के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
इतिहासकार और विरासत विशेषज्ञ रफीक बगदादी ने फैसला का स्वागत करते हुए कहा है कि संरक्षण का काम कठिन होगा। मुंबई की आर्ट डेको इमारतों पिकासो की चित्रकारी सरीखी हैं। लोगों का अब इन इमारतों पर ध्यान जाएगा।
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