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    जिन 2.4 करोड़ रुपयों के लिए रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बनाया क्या है उसकी सच्चाई? पढ़ें पूरी डिटेल

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 03:41 PM (IST)

    महाराष्ट्र सरकार ने रोहित आर्या के 2.4 करोड़ रुपये के दावों को खारिज किया, जिसके लिए उन्होंने बच्चों को बंधक बनाया। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि आर्या की कंपनी को सफाई अभियान के लिए चुना गया था, लेकिन उनके दस्तावेज अधूरे थे और उन्होंने अवैध रूप से शुल्क वसूला था। सरकार ने उन्हें पैसे जमा करने का निर्देश दिया था, जिसका उन्होंने पालन नहीं किया, जिसके कारण योजना रद्द कर दी गई।

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    17 बच्चों को बंधक बनाने वाला रोहित आर्या।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने रोहित आर्या के उन दावों को सिरे खारिज कर दिया जिसमें उसने दावा किया था कि उसे शहरी स्वच्छता और सफाई अभियान के लिए 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का भुगतान किया जाना था।

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    रोहित आर्या ने इस रकम को पाने के लिए फेक ऑडिशन का ड्रामा रचा और फिर 17 मासूमों को बंधक बना लिया। इससे पहले रोहित ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने कहा था कि उसे अपनी मांगों का जवाब चाहिए। हालांकि इन मांगों को लेकर वीडियो में कोई खास जानकारी नहीं दी गई थी।

    रोहित आर्या को लेकर इस बात की हुई पुष्टि

    बच्चों का रेस्क्यू होने के कुछ घंटे बाद शिक्षा विभाग ने एक बयान जारी किया, जिसमें पुष्टि की गई कि रोहित आर्या और अप्सरा मीडिया को 2022 और 2023 में प्रोजेक्ट लेट्स चेंज, एक शहरी सफाई अभियान को लीड करने के लिए चुना गया था। इस अभियान में 59 लाख छात्रों को स्वच्छता मॉनिटर के तौर पर तैनात किया गया था।

    पैसों के लेनदेन की क्या है सच्चाई?

    इसके बाद 30 जून, 2023 के सरकारी ऑर्डर के जरिए 9.9 लाख रुपये दिए गए। दूसरा फेज 2023/24 के लिए मुख्यमंत्री माझी शाला सुंदर शाला के जरिए पूरा किया गया और इसके लिए 20.63 करोड़ रुपये अलग रखे गए, जिसमें 'स्वच्छता मॉनिटर' के लिए 2 करोड़ रुपये शामिल थे। लेकिन शिक्षा विभाग ने गुरुवार रात कहा कि इसके लिए आर्या का जमा किया गया प्रोजेक्ट डॉक्यूमेंटेशन अधूरा था। इसमें एडवरटाइजिंग, मैनपावर, टेक्निकल सपोर्ट और आर्या की 'लेट्स चेंज' डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए साफ तौर पर बढ़ा-चढ़ाकर खर्च शामिल था।

    विभाग ने कहा, "इन कमियों की वजह से स्कीम लागू नहीं हो सकी।" एक साल बाद आर्या ने इस स्कीम को फिर से लागू करने के लिए कहा और पैसे की एक और मांग रखी, खास तौर पर 2.42 करोड़ रुपये। इस प्रस्ताव अध्ययन किया ही जा रहा था कि इसमें भी गड़बड़ी दिखाई दी।

    सरकार ने कहा है कि आर्या प्रोजेक्ट लेट्स चेंज के डायरेक्टर के तौर पर सफाई अभियान में हिस्सा लेने वाले स्कूलों से पैसे यानी 'रजिस्ट्रेशन फीस' इकट्ठा कर रहा था। लेकिन सरकार ने कहा कि आर्या को कलेक्शन करने का अधिकार नहीं था।

    पिछले साल अगस्त में आर्या को कलेक्ट किए गए पैसे सरकारी अकाउंट में जमा करने का निर्देश दिया गया था और कहा गया था कि 'स्वच्छता मॉनिटर्स' पहल को रिन्यू करने का उनका प्रस्ताव तब तक नहीं लिया जाएगा जब तक पैसे वापस नहीं कर दिए जाते।

    सरकार ने बताया कि आर्या ने न तो कलेक्ट किए गए पैसे जमा किए और न ही हलफनामा दायर किया। और पिछले साल के विधानसभा चुनाव और BJP की महायुति सरकार के मुखिया के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री के तौर पर लौटने के बाद यह पहल खुद ही खत्म कर दी गई थी।

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