ट्रेडिंग के नाम पर गड़बड़झाला... ठगों ने बुजुर्ग दंपत्ति के खाते से उड़ाए 35 करोड़
मुंबई में एक बुजुर्ग दंपत्ति के साथ 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। भरत शाह नामक व्यक्ति ने ब्रोकरेज फर्म ग्लोबल कैपिटल मार्केट पर अनधिकृत ट्रेडिंग का आरोप लगाया है। फर्म ने उनसे सुरक्षित ट्रेडिंग का वादा किया था, लेकिन बाद में उनके खाते से करोड़ों रुपये की अनधिकृत ट्रेडिंग की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया है।

बुजुर्ग दंपत्ति से 35 करोड़ की ठगी
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई के वनराई पुलिस थाने में एक बुर्जर्ग दंपत्ति के साथ हुई 35 करोड़ रुपयों की ठगी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में एक ब्रोकरेज फर्म एवं उसके कुछ प्रतिनिधियों को आरोपित बनाया है, और मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी है।
मुंबई के ही परेल क्षेत्र में कैंसर मरीजों के लिए सस्ता गेस्ट हाउस चलानेवाले 72 वर्षीय भरत शाह ने पिछले चार वर्ष में अपने साथ हुई 35 करोड़ की ठगी का मामला दर्ज कराया है।
बुजुर्ग दंपत्ति से 35 करोड़ की ठगी
उनका आरोप है कि ब्रोकरेज फर्म ग्लोबल कैपिटल मार्केट लि. ने उनकी पत्नी के खाते से शेयर बाजार में अनधिकृत ट्रेडिंग की और उन्हें लगातार अंधेरे में रखा। उनके अनुसार 1984 में उनके पिता के निधन के बाद उन्हें विरासत में कुछ कंपनियों के शेयर प्राप्त हुए थे।
शेयर बाजार की बारीकियों से अनजान होने के कारण उन्होंने लंबी अवधि तक इन शेयरों को जस का तस रखे रहने दिया। लेकिन 2020 में एक मित्र की सलाह पर उन्होंने ब्रोकरेज फर्म ग्लोबल कैपिटल मार्केट लि. में अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोला और अपने पास रखे सारे शेयर इस कंपनी में ट्रांसफर कर दिए।
ब्रोकरेज फर्म पर अनधिकृत ट्रेडिंग का आरोप
कंपनी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि बिना किसी अतिरिक्त निवेश के कंपनी उनके शेयरों का कोलैटरल के रूप में उपयोग कर सुरक्षित ट्रेडिंग करती रहेगी। कंपनी ने उनसे निरंतर संपर्क बनाए रखने के लिए अपने दो कर्मचारी अक्षय बारिया एवं करण सिरोया को भी नियुक्त किया।
शुरुआत में ये कर्मचारी भरत शाह को फोन पर रोजाना की गई ट्रेडिंग की जानकारी देते थे। फिर उन्होंने शाह के घर आना शुरू कर दिया, और अपने लैपटाप से उन्हें ईमेल भेजते रहे। शाह उन पर भरोसा कर उनके निर्देशों का पालन करते रहे, और उनके द्वारा भेजे गए मैसेज देखकर उनके मांगने पर उन्हें ओटीपी भेजते रहे।
ये कर्मचारी मार्च 2020 से जून 2024 तक शाह को मुनाफा दिखानेवाले स्टेटमेंट भी भेजते रहे, जिससे शाह समझते रहे कि उन्हें लाभ हो रहा है।
आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई जांच
जुलाई 2024 में शाह को कंपनी के रिस्क मैनेजमेंट विभाग से फोन आया कि आपके और आपकी पत्नी के खाते में 35 करोड़ रुपयों की देनदारी बाकी है। इसका तत्काल भुगतान करें, अन्यथा आपके सारे शेयर बेच दिए जाएंगे। कंपनी पहुंचने पर शाह को पता चला कि उनके खाते से बहुत बड़े पैमाने पर अनधिकृत ट्रेडिंग हुई है।
उनके करोड़ों रुपए के शेयर उनकी जानकारी के बगैर ही बेच दिए गए हैं। शाह ने कंपनी की वेबसाइट से अपना वास्तविक स्टेटमेंट डाउनलोड कर पहले भेजे गए स्टेटमेंट से तुलना की, तो दोनों में बहुत बड़ा अंतर दिखाई दिया।
तब उन्होंने अपनी बची संपत्ति सुरक्षित करने के लिए शेष शेयर बेचकर कंपनी के 35 करोड़ रुपए चुकाए और अपने साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे। अब वनराई पुलिस थाने में भरत शाह की एफआईआर दर्ज कर यह मामला जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया है।

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