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    आज भारत आएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा, 26/11 हमले के पीड़ित बोले- उसे कसाब की तरह न पालें

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 10 Apr 2025 06:53 AM (IST)

    26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा आज भारत पहुंच सकता है। वहीं मुंबई हमलों की पीड़िता देविका नटवरलाल रोटावन ने कहा कि यह भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी जीत है और उन्होंने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने राणा के लिए फांसी की सजा की मांग की।

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    आज भारत आएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (फाइल फोटो)

    एएनआई, मुंबई। 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा आज भारत पहुंच सकता है। वहीं, मुंबई हमलों की पीड़िता देविका नटवरलाल रोटावन ने कहा कि यह भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी जीत है और उन्होंने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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    पीड़ितों ने की राणा के लिए मृत्युदंड की मांग

    26/11 हमले की एक पीड़ित देविका रोटावन ने 64 वर्षीय पाकिस्तानी कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर खुशी जाहिर की और भारत एवं अमेरिका की सरकारों को इसके लिए धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने राणा के लिए फांसी की सजा की मांग की।

    राणा को जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए

    देविका सीएसएमटी स्टेशन पर हुए हमले की प्रमुख गवाह थी और उन्होंने ही आतंकी अजमल कसाब की पहचान की थी। ताज महल पैलेस होटल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स के कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे ने भी कहा कि उसे जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए। उसे फांसी पर लटका देना चाहिए।

    तहव्वुर राणा को जेल में बिरयानी देने की जरूरत नहीं

    इसी के साथ मुंबई के 'चाय वाले' मोहम्मद तौफीक, जिसकी सतर्कता ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के दौरान लोगों की जान बचाई थी, उन्होंने कहा कि भारत को तहव्वुर राणा को सेल, बिरयानी और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है, जो मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादियों में से एक अजमल कसाब को दी गई थीं।

    26/11 हमले में राणा की भूमिका

    मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा दायर 405 पन्नों के पांचवें पूरक आरोपपत्र में 26/11 आतंकी हमले में राणा की संलिप्तता का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार, राणा ने 11 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 तक भारत में प्रवास के दौरान सह-साजिशकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साक्ष्य पुष्टि करते हैं कि राणा 20 और 21 नवंबर, 2008 को मुंबई में था और पवई के एक होटल में ठहरा था।

    हमलों से कुछ दिन पहले चीन भाग गया था राणा

    हमलों से कुछ दिन पहले वह दुबई के रास्ते बीजिंग चला गया था। पूरी जांच के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच ने 14-15 महत्वपूर्ण गवाहों से साक्ष्य एकत्र किए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राणा के डेविड हेडली से संबंध होने के पर्याप्त सबूत हैं, जो हमलों की योजना बनाने में भी शामिल था।

    राणा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ समन्वय करने और हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के गुर्गों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने का आरोप है।

    राणा ने शहर में भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों से की थी चर्चा

    क्राइम ब्रांच ने पाया कि अपने प्रवास के दौरान राणा ने शहर में भीड़भाड़ वाली जगहों के बारे में उस होटल के कर्मचारियों से चर्चा की थी, जहां वह ठहरा हुआ था। इनमें से कुछ जगहों को बाद में हमलावरों ने निशाना बनाया था, जिसमें सीएसएमटी भी शामिल है।

    इसके अलावा, पुलिस ने राणा और डेविड कोलमैन हेडली के बीच ईमेल के आदान-प्रदान को उजागर किया। हेडली ने राणा से एक शिवसेना कार्यकर्ता के बारे में पूछा था, जिससे उसने अपनी मुंबई यात्रा के दौरान सहायता मांगी थी।

    राणा ने पाकिस्तानी हैंडलर से ली थी बचने की सलाह

    अपने जवाब में राणा ने हेडली को पाकिस्तान के 26/11 के हैंडलरों में से एक मेजर इकबाल से परामर्श करने की सलाह दी। क्राइम ब्रांच ने शिवसेना कार्यकर्ता का बयान भी दर्ज किया था, जिसने पुष्टि की थी कि हेडली ने शिवसेना भवन के पास उससे मुलाकात की थी। उसने हेडली को एक पर्यटक माना था जो शिवसेना भवन और मातोश्री जाना चाहता था।

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