Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'भारत को डीप टेक सुपरपावर बनाने के लिए...', मुकेश अंबानी ने बताया अपना विजन

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 10:14 PM (IST)

    मुकेश अंबानी ने डॉ. रघुनाथ माशेलकर के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें और प्रो. एम.एम. शर्मा को अपने जीवन का दिग्दर्शक बताया। उन्होंने कहा कि मा ...और पढ़ें

    Hero Image

    वैज्ञानिक डॉ. रघुनाथ माशेलकर के सम्मान में आयोजित था कार्यक्रम

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शनिवार को सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. रघुनाथ माशेलकर के सम्मान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित किया। यह आयोजन डॉ. माशेलकर द्वारा रिकॉर्ड 54 पीएचडी छात्रों को मार्गदर्शन देने की ऐतिहासिक उपलब्धि और उनकी नई पुस्तक के विमोचन के अवसर पर रखा गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपने संबोधन में अंबानी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि उनके जीवन और सोच को दिशा देने में दो दिग्गजों की अहम भूमिका रही है—प्रोफेसर एम.एम. शर्मा और डॉ. रघुनाथ माशेलकर। अंबानी ने साझा किया कि 1990 के दशक में जब उन्होंने रिलायंस को एक इनोवेशन-आधारित कंपनी बनाने का सपना देखा, तब डॉ. माशेलकर और प्रोफेसर शर्मा ने ही उन्हें 'तकनीक खरीदने' के बजाय 'अपनी तकनीक विकसित करने' के लिए प्रेरित किया। आज इसी मार्गदर्शन का परिणाम है कि रिलायंस के 5.5 लाख कर्मचारियों में से 1 लाख से अधिक टेक्निकल प्रोफेशनल्स हैं।

    मुकेश अंबानी ने डॉ. माशेलकर के 'गांधीयन इंजीनियरिंग' के सिद्धांत पर जोर दिया, जिसका मंत्र है— "More from Less for More" (कम संसाधनों में अधिक लोगों के लिए अधिक मूल्य)। उन्होंने कहा, "डॉ. साहब ने सिखाया कि टेक्नोलॉजी बिना करुणा के सिर्फ एक मशीन है। भारत के मंगल मिशन और जियो (Jio) की सफलता इसी सोच का परिणाम है, जहां हमने तकनीक को वैश्विक स्तर पर सबसे किफायती बनाकर आम आदमी तक पहुँचाया।"

    अंबानी ने भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत तब तक पूर्ण समृद्ध नहीं हो सकता जब तक वह अपनी 80% ऊर्जा आयात करता रहेगा। उन्होंने डॉ. माशेलकर को विज्ञान और उद्योग के बीच का सेतु बताया और जोर दिया कि भारत को 'डीप टेक सुपरपावर' बनाने के लिए इसी वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

    डॉ. माशेलकर की विनम्रता की सराहना करते हुए अंबानी ने कहा, "मुंबई की सड़कों की लाइट में पढ़ने वाले एक बच्चे का वैश्विक सम्मान तक पहुँचना आधुनिक भारत की प्रगति का प्रतीक है। उनकी यात्रा सिखाती है कि शुरुआत कहाँ से हुई यह मायने नहीं रखता, बल्कि आपका सपना और मेहनत मायने रखती है।"