Drone pilot training: कैसे बन सकते हैं ड्रोन पायलट, ट्रेनिंग और लाइसेंस के क्या है नियम? पूरी डिटेल
हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को DGCA ने ड्रोन पायलट लाइसेंस दिया। अब सवाल ये हैं कि कैसे होती है ड्रोन पायलट ट्रेनिंग, इसे कहां से प्राप्त किया जा सकता है और आम नागरिकों के लिए इसके क्या नियम हैं? ड्रोन पायलट ट्रेनिंग और लाइसेंस जुड़े सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें..

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को हाल ही में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने ड्रोन पायलट लाइसेंस प्रदान किया है। धोनी अब ड्रोन पायलट ट्रेनिंग पूरी करने और लाइसेंस मिलने के बाद अब आधिकारिक रूप से ड्रोन उड़ा सकते हैं।
अब सवाल यह है कि कैसे होती है ड्रोन पायलट ट्रेनिंग, इसे कहां से प्राप्त किया जा सकता है और आम नागरिकों के लिए इसके क्या नियम हैं? ड्रोन पायलट ट्रेनिंग और लाइसेंस जुड़े सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें..
सवाल: ड्रोन पायलट क्या होता है?
जवाब- ड्रोन पायलट यानी जो व्यक्ति बिना इंसान वाले हवाई यान यानी ड्रोन (यूएवी अनमैंड एरियल व्हीकल ) को नियंत्रित कर उड़ाता है। यानी कि ड्रोन की उड़ान की दिशा, ऊंचाई, कैमरा कंट्रोल और सुरक्षा का ख्याल रखता है। वह ड्रोन पायलट होता है। ड्रोन का उपयोग खेती, सर्वे, फोटोग्राफी, निगरानी और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ सालों में ड्रोन फोटोग्राफी और सामानों की डिलीवरी जैसे कामों में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है, इसलिए ट्रेनिंग जरूरी है।
सवाल: ड्रोन उड़ाने के लिए कौन लाइसेंस देता है?
जवाब- भारत में ड्रोन संचालन करने की इजाजत डीजीसीए देता है। इसके लिए आवेदक को रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (आरपीसी) प्राप्त करना पड़ता है।

सवाल: ड्रोन पायलट का लाइसेंस मिलने की प्रक्रिया क्या है?
जवाब- ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेने और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कम से कम 18 साल की उम्र होनी चाहिए। डीजीसीए मान्यता प्राप्त रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (आरपीटीओ) से 5-7 दिन की ट्रेनिंग करनी होती है। ड्रोन पायलट बनने की ट्रेनिंग में थ्योरी, मौसम, हवाई सुरक्षा और उड़ान अभ्यास शामिल होता है। परीक्षा पास करने के बाद डीजीसीए की वेबसाइट डिजिटल स्काई पोर्टल से लाइसेंस जारी किया जाता है।
सवाल: कौन-कौन से संस्थान कराने हैं ड्रोन पायलट ट्रेनिंग?
जवाब- भारत में नागर विमानन महानिदेशालय से स्वीकृत कई संस्थान हैं, जो ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग कराते हैं। जैसे- गरुड़ा एयरोस्पेस (चेन्नई), आईजी ड्रोन (दिल्ली), स्काईलार्क ड्रोन (बेंगलुरु) और ड्रोन डेस्टिनेशन (आईजीआरयूए, रायबरेली) से ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग की जाती है।
सवाल: क्या कोई भी अपने पास ड्रोन रख सकता है?
जवाब- हां, देश में आम आदमी ड्रोन रख सकता है, लेकिन वजन के अनुसार नियम बदलते हैं।
जैसे-
जैसे-
- नैनो ड्रोन (250 ग्राम से कम): बिना अनुमति उड़ाया जा सकता है।
- माइक्रो / स्मॉल ड्रोन: डीजीसीए से अनुमति जरूरी।
- मीडियम/ लार्ज ड्रोन: केवल सरकारी या अधिकृत संस्थाएं चला सकती हैं।
यह भी पढ़ें- दुनिया में कहीं भी पैदा हो पांडा, लेकिन चीन के पास ही क्यों होता है उसका मालिकाना हक?
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।