MQ-9B Drone: जिस ड्रोन से मारा गया था अल जवाहिरी, उसे US से खरीदेगा भारत; खौफ में क्यों चीन और पाकिस्तान?
MQ 9B Predator प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे से पहले रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका के तेज तरार MQ-9B Drone खरीदने पर मुहर लगा दी है। यह वही ड्रोन है जिससे अमेरिका ने अलकायदा के पूर्व चीफ अल जवाहिरी का खात्मा किया था। आइए जानें इसकी खासियत।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अब पाकिस्तान और चीन की खैर नहीं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि भारत अब अपने दोनों पड़ोसी मुल्कों पर कड़ी निगरानी रख सकेगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले ही रक्षा मंत्रालय ने यूएस के खूंखार MQ-9B Drone खरीदने पर मुहर लगा दी है। अब कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है।
यह ड्रोन अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक एयरोनॉटिकल द्वारा बनाया गया है। MQ-9B ड्रोन से पहले MQ-9A बनाया गया था और यह इसका अपडेटेड वर्जन है। इस ड्रोन को MQ-9B SkyGuardian और MQ-9B SeaGuardian भी कहा जाता है।
जैसा की नाम से स्पष्ट हो रहा है, ये ड्रोन न सिर्फ आसमान, बल्कि समुद्र में भी सेना का निगरानी सिस्टम मजबूत करने वाला है। आइए, जानें आखिर इस ड्रोन की खासियत क्या है।
अलकायदा चीफ का किया था खात्मा
इस ड्रोन की सबसे बड़ी कामयाबी अलकायदा के पूर्व चीफ अल जवाहिरी को 31 जुलाई 2022 में काबुल में मार गिराना था। दरअसल इसी ड्रोन से किए गए हमले में अल जवाहिरी को यूएस ने गुप्त मिशन के तहत मारा था। अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन की निगरानी भी इसी ड्रोन के जरिए की थी।
MQ-9B Drone इसलिए है खास
- हाईटेक होने के कारण 35 घंटे तक लगातार हवा में उड़ने में सक्षम है ये ड्रोन।
- समुद्र हो या जमीनी लक्ष्य, यह ड्रोन सभी भेदने में सक्षम।
- 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है ड्रोन।
- ऊंचाई वाले इलाके में तैनात करने को भी खास तकनीक से है लैस।
- मारक दूरी 11 हजार किमी से ज्यादा।
- 388 किमी प्रति घंटे की है रफ्तार।
- 2721 किलोग्राम की मिसाइलों को लेकर यह ड्रोन कहीं भी उड़ान भर सकता है।
- ड्रोन में दो लेजर गाइडेड AGM-114 हेलफायर मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। यह रिमोट से कंट्रोल हो सकता है।
भारत कितने ड्रोन खरीदेगा और कैसे होगा फायदा
भारत अमेरिका से 24 हजार 500 करोड़ से ज्यादा की कीमत में 30 ड्रोन खरीदने जा रहा है। भारत सरकार सेना, वायुसेना और नेवी तीनों के लिए इस ड्रोन को खरीदने जा रही है। दरअसल, सरकार देश की रक्षा जरूरतों की पूर्ती के लिए यह ड्रोन खरीदने जा रही है। इससे पाक और चीन की नींद इसलिए भी उड़ने वाली है, क्योंकि सेना इसे चीन सीमा और हिंद महासागर की निगरानी के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
चीन के खिलाफ ज्यादा कारगर
दरअसल, गलवान में हुई झड़प के बाद ही इस ड्रोन की मांग तेज हुई थी। यह ड्रोन सेंसर युक्त कैमरों से लैस है, जो अपने दुश्मन के विमान की तीन किमी दूरी से ही तस्वीर ले सकता है। ड्रोन में रडार लगे होने के कारण सेना इसे LAC पर भी तैनात कर सकती है।
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