हैदराबाद: पति की इलाज के लिए अब नहीं बचे पैसे, महिला ने लगाई सरकार से मदद की गुहार
हैदराबाद में मध्य प्रदेश मूल के मनीष गोहिया कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद शुरू हुए दूसरी स्वास्थ्य परेशानियों से जूझ रहे हैं। उनकी पत्नी ने कहा कि इलाज में अब तक सारी जमापूंजी खत्म हो चुकी है सरकार से आर्थिक सहायता मांगने के अलावा कोई चारा नहीं है।
हैदराबाद, एएनआइ। हैदराबाद में कोरोना संक्रमण से ठीक होने केे बाद दूसरी स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का इलाज कराने वाले शख्स की पत्नी ने आर्थिक मदद मांगी है। उसने कहा है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद से अब तक पति की इलाज पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। अब न तो उसके पास कुछ है और न ही परिवार के पास। इसके बाद के इलाज के लिए अब सरकार से मदद मांगने का ही एकमात्र विकल्प बचा है। संक्रमण से लोग ठीक हो रहे हैं लेकिन इनमें से कइयों को दूसरी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। इसमें से ही एक मध्यप्रदेश मूल के आइटी कर्मचारी मनीष कुमार गोहिया (Manish Kumar Gohiya) हैं जो हैदराबाद में काम करते हैं।
4 मई को मनीष का कोविड टेस्ट हुआ जिसमें वे कोरोना संक्रमित पाए गए। 10 मई को ऑक्सीजन लेबल गिरने के कारण स्थानीय अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। संक्रमण से वो ठीक हो गए हैं लेकिन स्टेरॉयड के इस्तेमाल से उनके फेफड़े की हालत खराब है। पिछले साल ही मनीष और शीला की शादी हुई थी। शीला का कहना है कि, 'अब तक हम उनके इलाज के लिए पैसे खर्च करने में सक्षम थे लेकिन अब हमारी जमा-पूंजी खत्म हो गई है। संक्रमण से वे ठीक हो चुके हैं लेकिन दूसरी परेशानियों से जूझ रहे हैं। मैं नहीं चाहती की केवल पैसे की कमी के कारण उन्हें खोना पड़े।'
मनीष की पत्नी शीला मेहरा ने बताया कि 14 मई को इलाज के लिए मनीष को भोपाल एम्स में भर्ती किया गया। वहां बताया गया कि मनीष को सांस लेने में गंभीर परेशानी (Acute respiratory distress syndrome,ARDS) है और इसलिए डॉक्टरों ने हमें एडवांस इलाज का सुझाव दिया। इसके लिए ECMO (Extracorporeal membrane oxygenation) सपोर्ट मशीन की जरूरत बताई। ये मशीनें भोपाल एम्स में नहीं थे इसलिए मनीष को हैदराबाद के सोमाजीगुडा स्थित यशोदा हॉस्पीटल लाया गया लेकिन इतने समय में उनके फेफड़ों में फाइब्रोसिस विकसित हो गया। इसके इलाज के लिए सिकंदराबाद के यशोदा अस्पताल लाना पड़ा लेकिन यहां बेहतर इलाज के बावजूद मनीष के स्वास्थ्य में ज्यादा सुधार नहीं था। शीला ने बताया कि इसके बाद 7 जुलाई को हैदराबाद में KIMS लाया गया है। यहां रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं।
हालांकि उन्हें मध्य प्रदेश सरकार से 2 लाख रुपये की सहायता राशि मिली लेकिन शीला का कहना है कि यह धनराशि एक दिन में ही खत्म हो गई क्योंकि मनीष अभी तक ECMO सपोर्ट पर हैं। शीला ने केंद्र और राज्य सरकार के अलावा लोगों से भी पति की इलाज के लिए पैसे मांगे हैं। उन्होंने बताया कि क्राउडफंडिंग प्लेटफार्म मिलाप (Milaap), केट्टी (Ketti) और इंपैक्टगुरु (Impactguru) पर भी मदद की अपील की है।
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