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    पुलिस भर्ती में मध्य प्रदेश के युवाओं के साथ अन्याय, बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को दिया जा रहा फायदा

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 06:24 PM (IST)

    मध्य प्रदेश पुलिस में सूबेदार और उपनिरीक्षक के 500 पदों पर भर्ती निकली है। आवेदन 27 अक्टूबर से शुरू होंगे और परीक्षा 9 जनवरी 2026 को होगी। अन्य राज्यों के युवाओं को भी प्रदेश के युवाओं की तरह मौका मिलने से कुछ नाराजगी है क्योंकि अधिकतम आयु सीमा 33 वर्ष कर दी गई है। पहले अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष थी।

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    MP में निकली सूबेदार और उपनिरीक्षक की भर्ती। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश पुलिस में आठ साल बाद सूबेदार और उपनिरीक्षक के पदों पर भर्ती निकलने से जहां एक ओर एमपी के युवाओं में खुशी है तो दूसरी और वे इस बात से नाराज भी हैं कि अन्य राज्यों के युवाओं को भी प्रदेश के युवाओं की तरह मौका दिया जा रहा है। इसमें मुख्य मुद्दा अधिकतम आयु सीमा को लेकर है।

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    इसके पहले हुई परीक्षा में अन्य राज्य के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष और मप्र के अनारक्षित अभ्यर्थियों के लिए 33 वर्ष होती थी। अब बाहर वालों उम्मीदवारों के लिए भी आयुसीमा बढाकर 33 रखी दी गई है। उन्हें मप्र में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता, यानी वे यहां अनारक्षित श्रेणी में आवेदन करेंगे।

    27 अक्टूबर शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया 

    कर्मचारी चयन मंडल ने सोमवार को भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है। इसके लिए 27 अक्टूबर से आवेदन किए जा सकेंगे। प्रारंभिक लिखित परीक्षा नौ जनवरी 2026 को होगी। सूबेदार के 28, विशेष सशस्त्र बल में उप निरीक्षक के 95 और जिला पुलिस बल व अन्य के 377 पदों को मिलाकर 500 पदों पर भर्ती हो रही है।

    2017 में आई थी भर्ती 

    इसके पहले वर्ष 2017 में भर्ती हुई थी। इसके बाद कोविड और फिर अन्य कारणों से भर्ती नहीं होने के कारण परीक्षा की तैयारी कर रहे डेढ़ लाख से अधिक युवा अधिकतम आयु सीमा पार कर गए। वे अनारक्षित वर्ग के लिए आयु सीमा में दो वर्ष की छूट यानी 33 की जगह 35 करने की मांग कर रहे थे, पर सरकार ने नहीं माना।

    प्रदेश के युवाओं को हुआ नुकसान 

    बता दें कि इसके पहले सरकार ने पुलिस की भर्तियों में रोजगार कार्यालय में पंजीयन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। इससे भी प्रदेश के युवाओं का नुकसान हुआ है। कारण, दूसरे राज्यों के युवा मध्य प्रदेश में पंजीयन कम कराते थे, जिससे वे आवेदन के समय अपात्र हो जाते थे।