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    भारत की सबसे महंगी नंबर प्लेट 1.17 करोड़ रुपये में बिकी... किसने खरीदा, क्यों है ये इतना खास, कैसे खरीदे Fancy Number Plate?

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 06:05 PM (IST)

    हरियाणा में एक फैंसी नंबर प्लेट HR 88 B 8888, 1.17 करोड़ रुपये में नीलाम हुई, जिसे हिसार के सुधीर कुमार ने खरीदा। इस नंबर की खासियत है कि इसमें 'B' अक्षर '8' जैसा दिखता है, और अंक ज्योतिष में '8' का महत्व है। फैंसी नंबर प्लेट खरीदने के लिए परिवहन मंत्रालय की वेबसाइट पर रजिस्टर करना होता है। दुनिया भर में ऐसे नंबर प्लेट का क्रेज है।

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    HR 88 B 8888 की नीलामी ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार की दोपहर देश के तमाम लोगों के लिए रोज की तरह ही सामान्य थी। लेकिन 45 लोगों के लिए यह दिन सामान्य नहीं था। शाम होते-होते इन 45 लोगों के सामने कुछ ऐसा हुआ कि ये अनुभव उनकी पूरी जिंदगी के साथ नत्थी हो गया। ये वही दिन है, जब हरियाणा में बिकी एक फैंसी नंबर प्लेट ने पूरे देश का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

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    सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए HR 88 B 8888 की नीलामी 1.17 करोड़ रुपये में हुई। वैसे तो अधिकारियों ने अभी तक बोली लगाने वाले की पहचान उजागर नहीं की है और न ही ये बताया है कि यह नंबर प्लेट किस गाड़ी के लिए लिया गया है। लेकिन बताया जा रहा है कि इसे हिसार के 30 साल के बिजनेसमैन सुधीर कुमार ने खरीदा है।

    आज के एक्सप्लेनर में जानेंगे...

    • आखिर ये नंबर प्लेट इतनी ज्यादा कीमत में क्यों बिका?
    • क्या इसके पहले भी ऐसी रिकॉर्डतोड़ बोलियां लगी हैं?
    • ऐसे फैंसी नंबर प्लेट की बोली लगाने की प्रक्रिया क्या है? और
    • क्या भारत के अलावा दुनिया के किसी और देश में भी फैंसी नंबर प्लेट के दीवाने हैं?

    करीब 1 हफ्ते पहले की बात है। हरियाणा में ‘HR22 W 2222’ नंबर प्लेट की नीलामी हुई। आखिरी बोली लगी 37.91 लाख और फिर नंबर बिक गया। लेकिन इसकी ज्यादा चर्चा नहीं हुई। वजह थी कि अप्रैल में ही केरल के एक टेक अरबपति ने अपनी लेम्बोर्गिनी कार के लिए लाइसेंस प्लेट ‘KL07 DG 0007’ को खरीदा था और इसकी कीमत 45.99 लाख रुपये लगी थी।

    लेकिन जब HR 88 B 8888 की नीलामी खत्म हुई तो नेशनल मीडिया की सुर्खियों की तक मामला पहुंच चुका था। इस बार अलग ये भी था कि आम तौर पर किसी नंबर के लिए 8 से 12 लोग ही नीलामी में हिस्सा लेते हैं, लेकिन HR 88 B 8888 के लिए 45 लोग बोली लगा रहे थे। शाम 5 बजे ऑक्शन बंद हुआ, तो आखिरी बोली 1.17 करोड़ रुपये थी और इसी के साथ यह देश का सबसे महंगा नंबर प्लेट बन चुका था।

    HR 88 B 8888 में क्या है खास?

    किसी व्हीकल का नंबर प्लेट 4 हिस्सों में बंटा होता है। पहले स्टेट कोड, फिर आरटीओ कोड, इसके बाद गाड़ी की सीरीज और फिर अंत में 4 अंकों का यूनिक नंबर। HR 88 B 8888 के मामले में HR हरियाणा का स्टेट कोड है। 88 सोनीपत जिले में पड़ने वाले कुंडली आरटीओ का कोड है। B गाड़ी की सीरीज है और 8888 यूनिक नंबर।

    hr 88 b 8888

    HR 88 B 8888 में अपरकेस में लिखा गया B काफी हद तक 8 की तरह दिखता है और इस कारण नंबर प्लेट 8 की सीक्वेंस बनाता दिखता है। देखने में ये ऐसा लगता है कि HR के बाद सात बार 8 लिखा होगा। इस कारण यह नंबर अपने आप में बेहद खास बन जाता है। न्यूमरोलॉजी में भी 8 नंबर का काफी महत्व है।

    यह पावर, एम्बिशन, मटेरियल सक्सेस, अथॉरिटी से जुड़ा है। 8 नंबर को लोग शनि ग्रह की मजबूती से जोड़कर भी देखते हैं। HR 88 B 8888 के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाले सुधीर कुमार ने कहा कि उन्होंने कोई खास रकम ध्यान में नहीं रखी, बस नंबर पसंद आ गया और फिर वह आगे बढ़ते गए।

    कैसे खरीदे जाते हैं फैंसी नंबर प्लेट?

    फैंसी नंबर प्लेट के लिए पहले परिवहन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर करना होता है। इसके बाद जरूरी डिटेल भरने होते हैं। आम तौर पर नीलामी कम रकम से भी शुरू हो जाती है, लेकिन क्योंकि अधिकारियों को भी पता है कि HR 88 B 8888 एक खास नंबर है, इसलिए इसकी नीलामी का बेस प्राइज 50 हजार रुपये रखा गया।

    fancy number plate buying guide

    बोली लगाने के लिए 1000 रुपये का रजिस्ट्रेशन फीस जमा करना था, जो नॉन रिफंडेबल होता है। इसके अलावा 10 हजार रुपये सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर जमा करने थे। बोलियां सिर्फ 1000 रुपये के मल्टीपल में लगाई जा सकती हैं। नीलामी पूरी होने के बाद सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को पूरी पेमेंट करने के लिए 5 दिन दिए जाते हैं।

    अगर नंबर खरीदने वाला पेमेंट ही न करे तो?

    अगर पूरी पेमेंट न हो पाए, तो ई-ऑक्शन कैंसिल माना जाता है और बोली लगाने वाले को सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त कर लिया जाता है। कैंसिल नंबर को अगले ऑक्शन में फिर से पेश किया जाता है। यहां एक बात और दिलचस्प है कि बोली लगाने के लिए गाड़ी का मालिक होना जरूरी नहीं है। कई बार लोग बिना गाड़ी खरीदे भी नंबर प्लेट के लिए बोली लगाते हैं।

    पूरी पेमेंट करने के बाद नंबर को 90 दिनों के अंदर किसी एलिजिबल गाड़ी में रजिस्टर कराना होगा, अन्यथा नंबर कैंसिल माना जाता है। कैंसिल होने के बाद बोली की रकम भी वापस नहीं की जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि कई लोग बोली लगाकर पॉपुलर नंबर ले लेते हैं और फिर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचते हैं।

    क्या सारे नंबर प्लेट लाखों-करोड़ों में बिकते हैं?

    ऐसा नहीं है। हर नंबर अपने आप में यूनिक होता है और हर किसी के पास उसे खरीदने के लिए अपनी एक वजह होती है। आम तौर पर किसी नंबर प्लेट के आखिरी 4 अंक यदि 0010, 0011, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 0099, 0100, और 0786 हैं तो वह नीलामी में 75 हजार रुपये तक बिकते हैं।

    इसी तरह अगर आखिरी 4 अंक 0003, 0004, 0005, 0006, 0008 हैं तो नीलामी 1 लाख रुपये, 0002, 0007, 0009 के लिए 1.5 लाख रुपये और 0001 पर खत्म होने वाले नंबर के लिए आखिरी बोली 5 लाख रुपये तक जा सकती है। लेकिन यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि यह सिर्फ एक अनुमान है और नीलामी के दिन क्या होगा, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।

    कई बार ऐसा भी देखा गया है कि नीलामी में खरीदी गई नंबर प्लेट की कीमत गाड़ी की कीमत से भी ज्यादा हो जाती है। चंडीगढ़ के परिवहन विभाग ने जनवरी 2020 और जुलाई 2025 के बीच जिन नंबरों की नीलामी की, उसमें कई दोपहिया वाहन मालिक भी थे, जिन्होंने अपने व्हीकल की कीमत से ज्यादा रकम चुकाकर नंबर प्लेट हासिल किए थे। अगस्त में चंडीगढ़ स्थित एक इनोवा मालिक ने CH01 DA 0001 नंबर के लिए 36.4 लाख रुपये का भुगतान किया।

    दुनियाभर में दिखता है क्रेज

    ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही फैंसी नंबर प्लेट का क्रेज देखने को मिलता है। दुनिया के लगभग हर हिस्से में आपको ऐसे लोग मिल जाएंगे, जो अपनी पसंद के नंबर प्लेट के लिए मुंहमांगी रकम चुकाने को तैयार रहते हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, 2023 में लाइसेंस प्लेट P7 संयुक्त अरब अमीरात में करीब 120 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ था। यह दुनिया के सबसे महंगा नंबर प्लेट है।

    hr 88 rto

    2008 में केवल '1' नंबर वाली एक लाइसेंस प्लेट को संयुक्त अरब अमीरात में ही अरबपति व्यवसायी सईद अब्दुल गफूर खौरी ने 14 मिलियन डॉलर में खरीदा था। दुनिया के कई हिस्सों में लोग ऐसे फैंसी नंबर प्लेट का कलेक्शन करते हैं और फिर अच्छी कीमत मिलने पर इन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं।

    Source:

    • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय: https://morth.nic.in/
    • परिवहन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट:https://fancy.parivahan.gov.in/fancy/faces/public/login.xhtml