Move to Jagran APP

Morena News: आठ साल के बच्चे की गोद में दो साल के भाई का शव, नरोत्तम मिश्रा ने जांच के दिए आदेश, जानें पूरा मामला

मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आगे बताया कि अस्पताल के सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और पिता को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद मुहैया करायी गई है। संबल योजना से भी एक राशि दी गई है।

By Piyush KumarEdited By: Published: Tue, 12 Jul 2022 12:47 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jul 2022 12:47 AM (IST)
मध्य प्रदेश के मुरैना में अस्पताल द्वारा लापरवाही के मामले पर तीन डाक्टरों को नोटिस थमाया गया है। (फोटो: एएनआइ)

मुरैना, एजेंसियां। मध्य प्रदेश के मुरैना में गत शनिवार को जिला अस्पताल के बाहर का दृश्य देखने वालों के आंखों में आंसू आ आए। लोगों ने देखा कि आठ साल का एक बच्चा अपने दो साल के भाई का शव गोद में रख कर बिलख रहा है। लोगों ने वजह पूछी तो पता चला कि शव ले जाने के लिए पिता को कोई वाहन नहीं मिल रहा है। इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। सिविल सर्जन समेत तीन डाक्टरों को नोटिस थमाया गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, इस मामले पर मध्य प्रदेश राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को जांच के आदेश दिए। पत्रकारों से बात करते हुए, मिश्रा ने कहा, 'जब डाक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया, तो उसके पिता ने उसका शव बच्चे (मृतक के भाई) को सौंप दिया। सरकार ने इसे गंभीरता से इस मामले को गंभीरता से लिया है।

loksabha election banner

कई योजनाओं द्वारा मिल रही है परिवार को मदद: नरोत्तम मिश्रा

मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आगे बताया कि अस्पताल के सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और पिता को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद मुहैया करायी गई है। मिश्रा ने कहा, रेड क्रास की ओर से 10,000 रुपये परिवार को दिए गए हैं, संबल योजना से भी एक राशि दी गई है और उन्हें दूसरी योजना से पैसा भी दिया जा रहा है।'

अस्पताल ने शव ले जाने के लिए नहीं किया एक एंबुलेंस तक का इंतजाम

जानकारी के अनुसार अंबाह के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव के दो साल के बेटे राजा को नौ जुलाई को नाजुक हालत में मुरैना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान राजा ने दम तोड़ दिया। गरीब पूजाराम के साथ उसका आठ साल का बेटा गुलशन भी था। पूजाराम को बेटे का शव घर ले जाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस या अन्य कोई वाहन नहीं मिला। अस्पताल में खड़े एंबुलेंस के संचालकों ने एक से डेढ़ हजार रुपये मांगे, जो पूजाराम के पास नहीं थे। इसीलिए वह दो साल के राजा के शव को आठ साल के गुलशन की गोद में रखकर सस्ते किराये पर वाहन तलाशने लगा।

विपक्षी नेताओं ने उठाए सवाल

इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इसके बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने जांच कमेटी का गठन कर तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है। जांच कमेटी में जिला पंचायत के सीईओ रोशन कुमार सिंह, सीएमएचओ डा. राकेश शर्मा को शामिल किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.