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    Moon Age: चांद की उम्र है कितनी? वैज्ञानिकों को आखिर लग ही गया पता, 51 साल पहले वहां से लाए पत्‍थर से खुला राज

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Mon, 23 Oct 2023 07:25 PM (IST)

    चंद्रमा हमेशा से इंसानों के लिए कौतूहल का विषय रहा है चांद के छिपे हुए पहलुओं को खोजने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं। इसी सिलसिले में भारत ने भी चंद्रयान-3 (23 अगस्त 2023) को चंद्रमा पर भेजकर जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की। साल 1972 में अपोलो 17 चंद्रमा की सतह पर उतरा था। इस यात्रा के बाद चंद्रमा के कई राज इंसानों के सामने आए।

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    51 साल पहले चंद्रमा की मिट्टी और चट्टान लाई गई थी (फाइल फोटो)

    रॉयटर्स, वाशिंगटन। चंद्रमा हमेशा से इंसानों के लिए कौतूहल का विषय रहा है, चांद के छिपे हुए पहलुओं को खोजने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं। इसी सिलसिले में भारत ने भी चंद्रयान-3 (23 अगस्त 2023) को चंद्रमा पर भेजकर जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की। साल 1972 में अपोलो 17 चंद्रमा की सतह पर उतरा था, जो मानव युक्त अंतरिक्ष यात्रा थी। इस यात्रा के बाद चंद्रमा के कई राज इंसानों के सामने आए हैं।

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    1972 में अपोलो 17 मिशन के दौरान अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैरिसन श्मिट और यूजीन सेर्नन ने चंद्रमा से लगभग 243 पाउंड (110.4 किलोग्राम) मिट्टी और चट्टान के नमूने एकत्र किए थे। चांद की मिट्टी को अध्ययन के लिए पृथ्वी पर वापस लाया गया था।

    51 साल पहले चंद्रमा की मिट्टी और चट्टान लाए गए

    अब अपोलो 17 मिशन के 51 साल के बाद अंतरिक्ष यात्री श्मिट द्वारा एकत्र किए गए चंद्रमा की मिट्टी और चट्टान के टुकड़े के अंदर खनिज जिक्रोन के क्रिस्टल वैज्ञानिकों को चंद्रमा के गठन और इसकी सटीक उम्र के बारे में गहरी समझ दे रहे हैं।

    चंद्रमा का जन्म 4.46 बिलियन वर्ष पहले हुआ

    वैज्ञानिकों ने क्रिस्टल का विश्लेषण करने के बाद बताया कि चंद्रमा पहले के किए गए दावे से लगभग 40 मिलियन वर्ष पुराना है। चंद्रमा का जन्म 4.46 बिलियन वर्ष से भी ज्यादा पहले हुआ था, मगर यह सौर मंडल के जन्म के 110 मिलियन वर्षों के बाद अस्तित्व में आया।

    चंद्रमा के जन्म की परिकल्पना!

    चंद्रमा के निर्माण के लिए एक प्रमुख परिकल्पना यह है कि सौर मंडल के प्रारंभिक काल के दौरान थिया नामक एक मंगल आकार का ग्रह धरती से टकराया था। इस महा भयानक विस्फोट से अंतरिक्ष में मैग्मा, पिघली हुई चट्टानें का धरती के इर्द-गिर्द परिक्रमा करने लगीं। यह मलबा बाद में चलकर चंद्रमा की शक्ल में बदल गया। लेकिन, इन सबके बावजूद चंद्रमा के बनने का सही समय बताना मुश्किल है।

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