गुड न्यूज! मूडीज की रिपोर्ट में दावा, ट्रंप के टैरिफ का भारत पर नहीं होगा कोई असर; बताई ये वजह
मूडीज रेटिंग्स के अनुसार अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापार की बाधाओं से निपटने के लिए भारत अच्छी स्थिति में है। घरेलू विकास और कम निर्यात निर्भरता अर्थव्यवस्था को स्थिरता देते हैं। बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च और निजी खपत को बढ़ावा देने वाली पहलें वैश्विक मांग में कमजोरी को संतुलित करती हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापार में व्यवधानों के नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए भारत अच्छी स्थिति में है। मूडीज रेटिंग का मानना है कि घरेलू विकास कारक और निर्यात पर कम निर्भरता अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करती है। बता दें कि मूडीज ने इस महीने की शुरुआत में 2025 कैलेंडर वर्ष के लिए अपने आर्थिक विकास पूर्वानुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था।
हालांकि इसके बावजूद भारत की विकास दर जी-20 देशों में सबसे ज्यादा रहने की उम्मीद जताई थी। रेटिंग एजेंसी ने भारत के संबंध में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि निजी खपत को बढ़ावा देने, मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार करने और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने के लिए सरकारी पहलों से वैश्विक मांग के कमजोर होते दृष्टिकोण को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
पाकिस्तान को झेलना पड़ेगा नुकसान
महंगाई में कमी से ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ेगी और यह अर्थव्यवस्था को समर्थन प्रदान करेगी। अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो बैंकिंग सेक्टर के कर्ज संबंधी समस्याओं को कम करेगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के साथ तनाव पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर डालेगा।
मूडीज ने कहा, 'पड़ोसी देश के साथ तनाव में निरंतर वृद्धि के बावजूद हम भारत की आर्थिक गतिविधियों में बड़े व्यवधानों की उम्मीद नहीं करते हैं, क्योंकि भारत के पाकिस्तान के साथ संबंध न्यूनतम हैं। इसके अलावा, भारत के जिन हिस्सों की कृषि और औद्योगिक उत्पादन में ज्यादा हिस्सेदारी है, वे इन संघर्ष क्षेत्रों से भौगोलिक तौर पर काफी दूर हैं।'
ऑटो सेक्टर को हो सकती है परेशानी
- हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर तनाव लंबा चलता है तो उच्च रक्षा खर्च भारत की वित्तीय व्यवस्था पर दबाव डाल सकता है और इससे वित्तीय समेकन धीमा हो सकता है। बुनियादी ढांचे पर खर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार का बुनियादी ढांचे पर खर्च जीडीपी वृद्धि का समर्थन करता है, जबकि व्यक्तिगत आयकर में कटौती उपभोग को बढ़ावा देती है।
- भारत की वस्तु व्यापार पर सीमित निर्भरता और इसका मजबूत सेवा क्षेत्र अमेरिका के टैरिफ के प्रभावों को कम करती है। हालांकि, ऑटो जैसे सेक्टर को कुछ वैश्विक व्यापार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इस सेक्टर का कुछ निर्यात अमेरिका को किया जाता है।
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