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    Monsoon: पहाड़ों पर मानसून की बारिश ढा रही कहर, दिल्ली-NCR में आज झमाझम बरसेंगे बादल; पढ़ें IMD का ताजा अपडेट

    Updated: Fri, 27 Jun 2025 07:16 AM (IST)

    पहाड़ी इलाकों में मानसून की बारिश कहर बनकर बरस रही है। जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक तबाही नजर आ रही है। कहीं भूस्खलन से पहाड़ियां दरक रही हैं तो कहीं बाढ़ की स्थित जानलेवा बनती जा रही है। नदी-नाले भी उफान पर हैं। उत्तराखंड में चार धाम, आदि कैलास व पूर्णागिरी धाम की यात्रा पिछले कुछ दिनों से नियमित अंतराल पर बाधित हो रही है।

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    पहाड़ों पर मानसून की बारिश ढा रही कहर, दिल्ली-NCR में आज झमाझम बरसेंगे बादल (फोटो- एएनआई)

    जागरण टीम, नई दिल्ली। पहाड़ी इलाकों में मानसून की बारिश कहर बनकर बरस रही है। जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक तबाही नजर आ रही है। कहीं भूस्खलन से पहाड़ियां दरक रही हैं तो कहीं बाढ़ की स्थित जानलेवा बनती जा रही है। नदी-नाले भी उफान पर हैं। उत्तराखंड में चार धाम, आदि कैलास व पूर्णागिरी धाम की यात्रा पिछले कुछ दिनों से नियमित अंतराल पर बाधित हो रही है।

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    दिल्ली-NCR में आज झमाझम बरसेंगे बादल

    मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार शाम से दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश हो सकती है। शुक्रवार को आसमान में आंशिक बादल छाए रहने की उम्मीद है। शाम-रात के समय गरज, बिजली के साथ हल्की से बहुत हल्की बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।

    उत्तराखंड में चार धाम यात्रियों की परेशानी बढ़ी

    केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को रस्सियों के सहारे निकाला उत्तराखंड में तेज बारिश से चार धाम, आदि कैलास व पूर्णागिरी धाम की यात्रा नियमित अंतराल पर बाधित हो रही है। गुरुवार को भी यह सिलसिला बना रहा। रुद्रप्रयाग के मुनकटिया में गौरीकुंड हाईवे मलबा आने के कारण पांच घंटे तक बाधित रहा।

    इस दौरान केदारनाथ जाने वाले करीब 10 हजार यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका गया, जबकि केदारनाथ से सोनप्रयाग आ रहे 1200 से अधिक यात्रियों को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की मदद से निकाला गया।

    उत्तरकाशी में यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन

    चमोली के नंदप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे भूस्खलन के कारण एक घंटे बाधित रहा। चंपावत में एक दिन पहले मलबा आने से अवरुद्ध हुए पूर्णागिरी मार्ग और पिथौरागढ़ में आदि कैलास राजमार्ग (पिथौरागढ़-लिपुलेख) को गुरुवार सुबह आवाजाही के लिए सुचारू किया जा सका। उत्तरकाशी में यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में एसडीआरएफ की मौजूदगी में यात्रियों की आवाजाही कराई जा रही है।

    सोनप्रयाग के कोतवाल राजेन्द्र कठैत ने बताया कि सुबह पांच से 10 बजे तक मुनकटिया व शटल पार्किंग के पास पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे थे, इसलिए यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोका गया। बाद में यात्रियों को केदारनाथ जाने की अनुमति दी गई।

    जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी का बैटरी कार मार्ग बंद

    माता वैष्णो देवी मंदिर के बैटरी कार मार्ग पर बुधवार रात तेज वर्षा के दौरान फिर भूस्खलन हुआ। मार्ग में पहाड़ी से गिरे मलबे का ढेर लग गया है। इसके बाद श्राइन बोर्ड ने इस मार्ग से पैदल श्रद्धालुओं की आवाजाही और बैटरी कार सेवा रोक दी। वर्षा के कारण आधार शिविर कटड़ा से हेलीकाप्टर सेवा भी ठप है। श्रद्धालु पुराने पारंपरिक मार्ग से माता के दर्शन के लिए आ-जा रहे हैं।

    मार्ग से मलबा हटाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।आपदा प्रबंधन दल के साथ ही श्राइन बोर्ड प्रशासन के कर्मी, पुलिस, सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान जगह-जगह तैनात किए गए हैं। मार्ग को सुचारू बनाने के लिए सफाई कर्मचारियों के साथ जेसीबी काम में जुटी हैं।

    बरसात के मौसम में बीते चार दिन से बार-बार इस मार्ग को भूस्खलन के कारण बंद करना पड़ रहा है। गत सोमवार को भी इस मार्ग को भूस्खलन के कारण बंद किया गया था।

    हिमाचल प्रदेश में तीन और शव बरामद

    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में खनियारा की मनूनी खड्ड में बहे तीन और श्रमिकों के शव गुरुवार को बरामद किए गए। बुधवार को दो शव मिले थे। एसडीआरएफ व पुलिस की टीमें तीन लापता मजदूरों को ढूंढ़ने में जुटी हैं। जान बचाने के लिए जंगल की ओर भागे चंबा निवासी लवली को रेस्क्यू कर लिया गया।

    हादसे में जम्मू-कश्मीर के डोडा निवासी चैन सिह, चंबा निवासी आदित्य ठाकुर, यूपी के देवरिया के रहने वाले प्रदीप वर्मा व चंदन और कांगड़ा के रहने वाले संजय की मौत हो गई। परियोजना निर्माण में जुटी कंपनी पर अविज्ञानिक तरीके से कटाई करने व मलबा फेंकने के आरोप हैं। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने मामले की जांच का जिम्मा एसडीएम धर्मशाला को सौंपा है।

    जम्मू-कश्मीर में नाले में आई बाढ़ से चचेरे भाई-बहन की मौत


    जम्मू-कश्मीर में नदी-नाले भी उफान पर हैं। गुरुवार को राजौरी जिला के कालाकोट में सुबह तेज बारिश से नाले में आई बाढ़ के दौरान डूबने से चचेरे भाई-बहनों की मौत हो गई। एक बच्ची को ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

    कठुआ बाढ़ में दो लोग फंस गए

    प्रशासन ने बारिश को देखते हुए लोगों से जलस्त्रोतों के पास नहीं जाने की सलाह दी है। इस बीच, कठुआ जिला के उज्ज दरिया में आई बाढ़ में दो लोग फंस गए। इनमें से एक के पास मोबाइल फोन था। उसने स्वजनों को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस व एसडीआरएफ ने दोनों को सुरक्षित निकाल लिया।