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IMD Update: मई में मानसून जैसी बारिश, किसानों की बढ़ रही चिंता, उत्तर भारत में 4 मई तक वर्षा होने की संभावना

IMD Update मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन कमोबेश ऐसी ही स्थिति रहेगी। बेमौसम की बरसात ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। कृषि विज्ञानियों का कहना है कि इसका खेतीबाड़ी पर असर पड़ेगा। चार से पांच दिन पहले बोई गई दलहनी फसल के लिए हानिकारक साबित होगी।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 02 May 2023 12:13 AM (IST)Updated: Tue, 02 May 2023 05:29 AM (IST)
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बदला मौसम, मई में लू चलने की जगह हो रही वर्षा।

नई दिल्ली, जागरण टीम। मई महीने में जहां भीषण गर्मी से धरती तप रही होती है और लू कहर ढाती है, सोमवार को बरसात जैसा मौसम रहा। राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश व पंजाब समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। इस वजह से दिल्ली और आसपास के इलाकों में शाम के समय तापमान काफी गिर गया।

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मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिन कमोबेश ऐसी ही स्थिति रहेगी। बेमौसम की बरसात ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। कृषि विज्ञानियों का कहना है कि इसका खेतीबाड़ी पर असर पड़ेगा। चार से पांच दिन पहले बोई गई दलहनी फसल के लिए हानिकारक साबित होगी। बरसात के कारण उनका जमाव (अंकुरण की प्रक्रिया) प्रभावित हो सकती है।

हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानी डा. मदन खीचड़ ने बताया कि नरमा और कपास की चल रही बिजाई पर इसका असर पड़ सकता है। इसलिए उसे रोक देना चाहिए।

मंडियों में भीग रहा गेहूं और सरसों

धीमे उठान के कारण अनाज मंडियों में खुले में पड़ा लाखों टन गेहूं और सरसों भीग गया है। हरियाणा की अनाज मंडियों में सोमवार शाम तक 60 लाख टन गेहूं पहुंच चुका था, जिसमें से 58 लाख 50 हजार टन गेहूं की खरीद सरकारी एजेंसियों ने की है।

इसमें से 40 प्रतिशत गेहूं का उठान नहीं हो पाया है। चार लाख 43 हजार टन सरसों मंडियों में पहुंचा है जिसमें से चार लाख 10 हजार टन की खरीद हुई है। मार्च-अप्रैल में हुई बारिश से करीब 17 लाख एकड़ में खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान की शिकायतें मिली थी। अब खराब मंडियों में गेहूं-सरसों के भीगने की खबर ने चिंता बढ़ा दी है।

दिल्ली में सामान्य से 13 डिग्री कम रहा दिन का तापमान

बारिश के कारण सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से 13 डिग्री सेल्सियस कम 26.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ऐसा तापमान अमूमन अक्टूबर और नवंबर में रहता है। 2021 में 19 मई को यह 23.8 डिग्री सेल्सियस रहा था। न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 19.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। हवा में नमी का स्तर 77 से 100 प्रतिशत रहा। वर्षा सुबह साढ़े आठ बजे तक 1.2 मिमी जबकि सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे 14.5 मिमी दर्ज की गई।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मई की औसत वर्षा 19.7 मिमी है। यानी सोमवार को माह के पहले ही दिन इसका लगभग 70 प्रतिशत कोटा पूरा हो गया। पंजाब में अधिकतम तापमान सामान्य से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस कम रहा और दिन व रात के तापमान में भी अंदर बहुत कम रहा।

मौसम में बदलाव के कारण स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान व जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि देश के ज्यादातर हिस्सों में हो रही वर्षा के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला, पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। दूसरा, हरियाणा के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। तीसरा कारण, एक अक्षीय रेखा का दक्षिण पूर्वी उत्तर प्रदेश से होते हुए दक्षिण भारत की ओर बढ़ना है। इन तीनों स्थितियों के कारण बरसात का कारण बन गया है।


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