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    Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स ने बढ़ाई WHO की चिंता, बुलाई इमरजेंसी मीटिंग; घोषित हो सकती है वैश्विक बीमारी

    Updated: Sat, 10 Aug 2024 10:13 AM (IST)

    अफ्रीकी देश कांगो में पिछले साल सितंबर से ही मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इसकी वजह से कांगो के पड़ोसी देशों में नया स्ट्रेन भी पाया गया है जिसने WHO की चिंता को बढ़ा दिया कि कहीं यह बीमारी दुनिया में स्वास्थ्य जोखिम ना पैदा कर दे। जैसे-जैसे वायरस अफ्रीकी देशों में फैल रहा है वैसे-वैसे भारत में भी लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं।

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    एमपोक्स एक संक्रामक बिमारी है, मंकीपॉक्स वायरस की वजह से होती है। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफ्रीकी देशों कांगो, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत दस देशों में इन दिनों मंकीपॉक्स (Mpox) वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। एमपॉक्स के मामलों में चिंताजनक वृद्धि को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन इमरजेंसी बैठक बुलाई। संगठन को डर है कि यह वायरस सभी अफ्रीकी देशों और दुनिया के अन्य देशों में भी फैल सकता है।

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    बता दें कि कांगो में पिछले साल सितंबर से ही मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इसकी वजह से कांगो के पड़ोसी देशों में नया स्ट्रेन भी पाया गया है, जिसने WHO की चिंता को बढ़ा दिया कि कहीं यह बीमारी दुनिया में स्वास्थ्य जोखिम ना पैदा कर दे।

    भारत में भी लोगों की चिंताएं बढ़ीं

    जैसे-जैसे वायरस अफ्रीकी देशों में फैल रहा है वैसे-वैसे भारत में भी लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं। ऐसे में मंकीपॉक्स वायरस क्या है इसको समझना जरूरी है। आईए वायरस से सावधान रहने के लिए कुछ बातों को जानते हैं।

    क्या है एमपॉक्स?

    एमपोक्स मंकीपॉक्स वायरस की वजह से होता है। यह एक संक्रामक बिमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से होता है। मंकीपॉक्स का संबंध ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार से है, जो चेचक की तरह दिखाई देता है। इसमें वैरियोला वायरस भी शामिल है।

    मंकीपॉक्स होने पर इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और सूजे हुए लिम्फ नोड्स होते हैं। इसके बाद एक दाना होता है जो आमतौर पर चेहरे से शुरू होता है और पूरे शरीर में फैलता है। दाने धब्बों से विकसित होकर फुंसियों में बदल जाते हैं, जो आखिर में पपड़ी बन जाते हैं। लक्षण आम तौर पर 2-4 सप्ताह तक रहते हैं

    मंकीपॉक्स से कैसे करें बचाव

    • संक्रमित जानवरों विशेषकर बीमार या मृत जानवरों के संपर्क में आने बचें।
    • संक्रमित व्यक्ति के दूषित बिस्तर और अन्य सामग्रियों के संपर्क में आने से बचें।
    • उन सभी खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से पकाएं, जिनमें जानवरों का मांस या भाग शामिल हों।
    • अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
    • ऐसे लोगों के संपर्क से बचना, जो वायरस से संक्रमित हैं।
    • असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें।
    • ऐसा मास्क पहनें जिससे आपका मुंह और नाक ढक जाए।
    • बार-बार छुई जाने वाली सतहों को सैनिटाइज करें।
    • वायरस से संक्रमित लोगों की देखभाल करते समय पीपीई का उपयोग करें।

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