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    रैनिटिडीन दवा में कैंसरकारी केमिकल की उपस्थिति की होगी जांच, DCGI ने दिए निर्देश

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Tue, 29 Jul 2025 11:30 PM (IST)

    दवा नियामक डीसीजीआइ ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के दवा नियंत्रकों से कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत दवा निर्माताओं को निर्देश दें कि वे एंटी-एसिड दवा रैनिटिडीन में संभावित कैंसरकारी रसायन- एन- नाइट्रोससोडिमिथाइलाएमिन - की उपस्थिति की निगरानी करें। यह दवा एसिड रिफ्लक्स और पेट या आंतों के अल्सर के उपचार में भी सहायक होता है।

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    रैनिटिडीन दवा में कैंसरकारी केमिकल की उपस्थिति की होगी जांच (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, नई दिल्ली। दवा नियामक डीसीजीआइ ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के दवा नियंत्रकों से कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत दवा निर्माताओं को निर्देश दें कि वे एंटी-एसिड दवा रैनिटिडीन में संभावित कैंसरकारी रसायन- एन- नाइट्रोससोडिमिथाइलाएमिन - की उपस्थिति की निगरानी करें।

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    इस रोग में होता इस दवा का उपयोग

    गौरतलब है कि रैनिटिडीन का उपयोग पेट में बनने वाले गैस की मात्रा कम करने के लिए किया जाता है। यह दवा एसिड रिफ्लक्स और पेट या आंतों के अल्सर के उपचार में भी सहायक होता है।

    भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने 24 जुलाई को एक संवाद में कहा कि एन- नाइट्रोससोडिमिथाइलाएमिन (एनडीएमए) की उपस्थिति के कारण रैनिटिडीन दवा की सुरक्षा से संबंधित मुद्दा विचाराधीन है। इसे लेकर समय-समय पर विभिन्न उपाय किए गए हैं।

    विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया

    पिछले वर्ष दिसंबर में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस समिति की रिपोर्ट को इस वर्ष अप्रैल में 92वीं दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) की बैठक में पेश किया गया। डीटीएबी ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सिफारिश की कि बड़ी समिति का गठन किया जाना चाहिए जो रैनिटिडीन के भंडारण की परिस्थितियों सहित सभी पहलुओं पर गौर करेगी।

    यह सुझाव भी दिया गया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) एनडीएमए की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए रैनिटिडीन दवा की सुरक्षा का आकलन करने के लिए अध्ययन कर सकता है।

    दवा निर्माताओं निगरानी करनी चाहिए

    दवा निर्माताओं को एपीआइ/फार्मूलेशन में एनडीएमए स्तरों की निगरानी करनी चाहिए। संवाद में कहा गया है, अनुरोध है कि आप अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत निर्माताओं को निर्देश दें कि वे रैनिटिडीन के एपीआइ/फार्मूलेशन में एनडीएमए स्तरों की निगरानी करें।