पंजाब के अपराधियों और उनके गिरोहों पर कसेगा मनी लांड्रिंग का शिकंजा, संपत्तियां होंगी जब्त
जम्मू-कश्मीर में आतंकी और कई राज्यों में फैले नक्सली सपोर्ट सिस्टम को ध्वस्त करने में मनी लांड्रिंग के तहत की गई कार्रवाई की अहम भूमिका रही है। एनआइए ने अपनी एफआइआर में भारत के साथ-साथ विदेश में रहने वाले अपराधियों को भी आरोपित बनाया है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। पंजाब के अपराधी गिरोहों (गैंगस्टर्स), आतंकियों और ड्रग्स, हथियार व मानव तस्करों के बढ़ते गठजोड़ के विरुद्ध राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के बाद मनी लांड्रिंग का शिकंजा भी कसने वाला है। ईडी इस मामले में मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज करने की तैयारी में है। इसके बाद अपराधियों और तस्करों की अवैध तरीके से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने का सिलसिला शुरू होगा। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले में एनआइए से संपर्क किया गया है। जल्द ही एफआइआर की कापी के साथ-साथ अन्य दस्तावेज मिल जाएंगे। उसके बाद मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
देश के साथ-साथ विदेश में बनाई गईं संपत्तियों को भी जब्त कर सकती है ईडी
उन्होंने कहा कि अपराधी गिरोहों, आतंकियों और तस्करों का गठजोड़ तोड़ने के लिए उनका आर्थिक साम्राज्य ध्वस्त करना जरूरी है। इन अपराधियों का मूल उद्देश्य अवैध गतिविधियों से संपत्ति बनाना होता है, यदि उसे जब्त कर लिया जाए तो उनसे जुड़े अन्य लोग भी सचेत हो जाते हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकी और कई राज्यों में फैले नक्सली सपोर्ट सिस्टम को ध्वस्त करने में मनी लांड्रिंग के तहत की गई कार्रवाई की अहम भूमिका रही है।
एनआइए ने अपनी एफआइआर में भारत के साथ-साथ विदेश में रहने वाले अपराधियों को भी आरोपित बनाया है। इस बारे में ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून जांच एजेंसी को विदेश में बनाई गई अवैध संपत्ति का पता लगाकर जब्त करने का अधिकार देता है। ईडी पहले भी अपराधियों की विदेश स्थित संपत्तियों को जब्त कर चुकी है।
ईडी ने कई राज्यों में 50 स्थानों पर मारा छापा
मालूम हो कि पंजाब में सक्रिय अपराधी गिरोहों, आतंकियों और तस्करों के गठजोड़ को ध्वस्त करने के लिए एनआइए ने दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कुल 50 स्थानों पर छापा मारा था। एनआइए के अनुसार, यह गठजोड़ पंजाब में टारगेट किलिंग कर दशहत फैलाने का काम करता है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और शौर्यचक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह की हत्या में इसी गठजोड़ का हाथ सामने आया है।
लोगों को धमका कर मोटी रकम वसूलने का काम
ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के साथ-साथ यह गठजोड़ बड़े डाक्टरों, व्यापारियों और पेशेवर लोगों को फोन करके मोटी रकम वसूलने का काम भी करता है। इसका एक हिस्सा आतंकी फंडिंग में इस्तेमाल किया जाता है। एनआइए ने जिन अपराधियों को आरोपित बनाया है, उनमें कनाडा में रह रहा गोल्डी बरार, लारेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, वरिंदर प्रताप उर्फ काला राणा, काला जहेड़ी, विक्रम बरार, अमेरिका में पहले गिरफ्तार हो चुके गौरव पटयाल उर्फ लक्की पटियाल, नीरज बवाना, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया, अमित डागर, दीपक कुमार उर्फ टीनू, संदीप उर्फ बंदर, उमेश उर्फ काला, इरफान उर्फ चीनू, पहलवान, असिम उर्फ हाशिम बाबा, सचिन भांजा प्रमुख हैं।