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मोहन भागवत ने कहा- राष्ट्र निर्माण में सहयोग देता है आरएसएस, दुष्प्रचार से नहीं जुड़कर जानें संघ की असलियत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता देश के भीतर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करके राष्ट्र निर्माण में सहयोग देते हैं वे दबाव डालने वाले समूह के रूप में कार्य नहीं करते। यह बात संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को जनसभा को संबोधित करते हुए कही है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Sun, 08 Jan 2023 04:25 AM (IST)Updated: Sun, 08 Jan 2023 05:38 AM (IST)
मोहन भागवत ने कहा- राष्ट्र निर्माण में सहयोग देता है आरएसएस। फोटो- एएनआई।

पणजी, पीटीआई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता देश के भीतर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करके राष्ट्र निर्माण में सहयोग देते हैं, वे दबाव डालने वाले समूह के रूप में कार्य नहीं करते। यह बात संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को जनसभा को संबोधित करते हुए कही है। संघ प्रमुख ने कहा, 'आरएसएस के बारे में वे लोग दुष्प्रचार करते हैं जो उसे नहीं जानते। लोग संघ के नजदीक आएं-उसके कार्यों को देखें और उसके बाद उससे जुड़ें। संघ में प्रत्येक व्यक्ति के लिए कार्य करने का अवसर है। वह साथ आकर बड़ी भूमिका निभा सकता है।'

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संघ से जुड़े लोग करते हैं सामाजिक कार्य

भागवत ने कहा कि संघ से जुड़े लोग बहुत सारे सामाजिक कार्य करते हैं और उनमें सहायता देते हैं लेकिन इससे यह नहीं मान लेना चाहिए कि यह कोई सेवा संगठन है। कई बार स्वयंसेवक व्यक्तिगत तौर पर भी किसी की सहायता करते हैं। चूंकि संघ में लोक कल्याण के लिए बहुत सारे कार्य सिखाए जाते हैं इसलिए स्वयंसेवक अपनी उस क्षमता का लाभ व्यक्तिगत तौर पर भी अन्य लोगों को देते हैं। लेकिन इसे संघ के दबाव बनाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ पूरे देश को एकजुट रखना और उसे मजबूत बनाना चाहता है।

स्वार्थपूर्ण कार्य करने वालों के लिए संघ में नहीं है कोई स्थान

संघ प्रमुख ने कहा कि संघ को दूर से देखकर नहीं समझा जा सकता। संघ में सभी को समाहित करने और उसे साथ लेकर चलने की क्षमता है। इसमें स्वार्थपूर्ण कार्य करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। लेकिन देश के कल्याण की भावना रखने वाला व्यक्ति संघ से जुड़कर योगदान दे सकता है। भागवत ने पर्यावरण सुरक्षा के उपायों को नित्य प्रति के जीवन में शामिल करने की लोगों से अपील की।

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