Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'ऐसे आप हिंदुओं के नेता नहीं बन जाएंगे...', मंदिर-मस्जिद के नए विवादों पर मोहन भागवत क्यों हुए नाराज?

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Fri, 20 Dec 2024 09:18 AM (IST)

    Mohan Bhagwat on temple mosque controversies मंदिर-मस्जिद को लेकर नए विवादों के उठने पर मोहन भागवत ने चिंता जताई है। भागवत ने समावेशी समाज की वकालत की और कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भाव के साथ एक साथ रह सकता है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग ऐसे मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बनने की सोच रहे हैं।

    Hero Image
    Mohan Bhagwat News भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों पर जताई नाराजगी। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, पुणे। Mohan Bhagwat on temple mosque controversies राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग यह मानने लगे हैं कि वे इस तरह के मुद्दों को उठाकर 'हिंदुओं के नेता' बन सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एकता दिखाने पर भागवत ने दिया बल

    एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोहन भागवत ने समावेशी समाज की वकालत की और कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भाव के साथ एक साथ रह सकता है।

    भागवत ने कहा कि क्रिसमस रामकृष्ण मिशन में मनाया जाता है, उन्होंने कहा कि केवल हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं। उन्होंने कहा, 

    हम लंबे समय से सद्भावना के साथ रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना देना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। 

    हर रोज मंदिर-मस्जिद विवाद उठाना सही नहीं 

    भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का मामला था। उन्होंने किसी विशेष स्थान का उल्लेख किए बिना कहा कि हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं।

    कट्टरता सही नहींः भागवत

    हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों में पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए हैं और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आए।

    उन्होंने कहा, "लेकिन अब देश संविधान के अनुसार चलता है। इस व्यवस्था में लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो सरकार चलाते हैं। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब के शासन की विशेषता ऐसी ही दृढ़ता थी, हालांकि उनके वंशज बहादुर शाह जफर ने 1857 में गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया था।

    यह भी पढ़ें- 'हमें अल्पसंख्यकों पर सलाह मिलती है, लेकिन दुनिया में जो हो रहा...', इस्लामिक देशों के हालात पर क्या बोले मोहन भागवत?