India Russia Friendship: पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच और गहरी हुई मोदी पुतिन की दोस्ती, दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना रूस
अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों की ओर से तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस की दोस्ती नित नए आयाम गढ़ रही है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक रूस बीते मई महीने में भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया है।
नई दिल्ली, रायटर। अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों की ओर से तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस की दोस्ती नित नए आयाम गढ़ रही है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक रूस बीते मई महीने में भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया है। भारत को तेल आपूर्तिकर्ता देश के रूप में रूस ने सऊदी अरब को भी तीसरे स्थान पर धकेल दिया है। हालांकि अभी भी वह इराक से पीछे है। इराक भारत को तेल आपूर्ति करने के मामले में नंबर-1 बना हुआ है।
व्यापार स्रोतों के आंकड़ों से पता चला है मई महीने में भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को लगभग 819,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) रूसी तेल प्राप्त हुआ, जो किसी भी महीने में अब तक का सर्वाधिक रिकार्ड है। अप्रैल में यह आपूर्ति लगभग 277,00 बैरल प्रति दिन थी। रूसी तेल की आपूर्ति में यह रिकार्ड ऐसे वक्त बना है जब यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के खिलाफ अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों की ओर से कठोर प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों के कारण रूस को तेल की कीमतों में रियायत देनी पड़ी।
गौर करने वाली बात यह भी कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां जो उच्च माल ढुलाई लागत के कारण शायद ही कभी रूसी तेल खरीदने में दिलचस्पी दिखाती थीं। उन्होंने कम कीमत पर मिल रहे रूसी तेल की खरीद में रूचि दिखाई है। मई में भारत के कुल तेल आयात में रूसी ग्रेड का लगभग 16.5 फीसद हिस्सा था। रूसी तेल की खरीद में बढ़ोतरी का असर मिडिल ईस्ट के साथ साथ बाकी मुल्कों से होने वाले आयल इम्पोर्ट पर पड़ा है।
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव का कहना है कि रूस भारत के साथ सम्मानजनक संबंधों को बेहद तरजीह देता है। यही नहीं दुनिया के मुख्य मसलों पर दोनों देशों का रुख भी काफी हद तक एक दूसरे से मेल खाता है। मौजूदा वक्त में भी रूस की ओर से भारत को एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति निर्धारित समय के अनुसार अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। सनद रहे भारत ने भी रूस के साथ दोस्ताना रिश्तों का बेहद ख्याल रखा है। भारत ने कभी भी रूसी कार्रवाई की निंदा नहीं की है।