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काम तेज हो इसलिए अनुभवी मंत्रियों के हाथ में मोदी 3.0 की कमान, लिस्ट में पूर्व CM से लेकर पुराने मिनिस्टर शामिल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में विकास को नई गति देने के लिए अनुभवी नेताओं और मंत्रियों पर भरोसा जताया है। 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद के आधे से अधिक मंत्री पहले भी केंद्र में मंत्री और तीन या उससे अधिक बार सांसद रह चुके हैं। इसी तरह से मंत्रिपरिषद में सभी क्षेत्रों वर्गों और समुदायों को जगह देने की कोशिश की गई है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Mon, 10 Jun 2024 06:04 AM (IST)
काम तेज हो इसलिए अनुभवी मंत्रियों के हाथ में मोदी 3.0 की कमान, लिस्ट में पूर्व CM से लेकर पुराने मिनिस्टर शामिल
काम हो तेज इसलिए अनुभवी मंत्रियों के हाथ में मोदी 3.0 की कमान। (फोटो, एक्स)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में विकास को नई गति देने के लिए अनुभवी नेताओं और मंत्रियों पर भरोसा जताया है। 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद के आधे से अधिक मंत्री पहले भी केंद्र में मंत्री और तीन या उससे अधिक बार सांसद रह चुके हैं। इसी तरह से मंत्रिपरिषद में सभी क्षेत्रों, वर्गों और समुदायों को जगह देने की कोशिश की गई है। 47 मंत्री ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।

मोदी 3.0 में 72 में से 43 ऐसे मंत्री हैं जो तीन या उससे अधिक बार सांसद रह चुके हैं। वहीं 39 मंत्रियों के पास पहले भी केंद्र में मंत्री के रूप में काम करने का अनुभव है। यही नहीं, मंत्रियों में सर्वानंद सोनेवाल, मनोहर लाल, शिवराज सिंह चौहान, एचडी कुमारास्वामी और जीतनराम मांझी जैसे मुख्यमंत्री के रूप में काम करने वाले अनुभवी चेहरे भी हैं।

तीसरे कार्यकाल की मंत्रिपरिषद सबसे अनुभवी हो सकती है

मंत्रियों में 23 ऐसे हैं जो किसी न किसी राज्य में मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं और 34 के पास राज्य विधानसभा में भागीदारी का अनुभव है। इस रूप में देखा जाए तो मोदी के तीसरे कार्यकाल की मंत्रिपरिषद सबसे अनुभवी हो सकती है। अनुभवी चेहरों को जगह देने के क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों का पूरा ख्याल रखा है। जातीय समीकरण भी साधे गए हैं, लेकिन कुछ इस तरह कि काम तेज हो।

मंत्रिपरिषद में पूरे भारत का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित

मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी समुदाय, 10 एससी, पांच एसटी और पांच अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। इन्हीं जातीय समीकरणों से 18 मंत्री कैबिनेट या स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री हैं जो अपने-अपने मंत्रालयों का नेतृत्व करेंगे। मंत्रिपरिषद में पूरे भारत का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया है। ये मंत्री 24 राज्यों व उनके अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

100 दिन का एजेंडा तो पहले से तैयार

राजग में भाजपा के सहयोगी दलों के 11 सांसदों को भी मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री ने परिणाम आने के दिन ही कह दिया था कि काम अब पूरी तेजी से होगा। 100 दिन का एजेंडा तो पहले से तैयार है। शपथ ग्रहण से पहले बैठक में भी प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को यही सीख दी कि काम में कोई शिथिलता नहीं होनी चाहिए।

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