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    भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने कसी कमर, अमित शाह ने समझाया प्लान

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 11:30 PM (IST)

    मोदी सरकार भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए सक्रिय हो गई है। इसके लिए केंद्र से राज्य स्तर तक प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है। अमित शाह ने राज्यों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जेल बनाने, एक्सपर्ट सेल गठित करने और सीबीआई के साथ समन्वय के लिए विशेष यूनिट बनाने पर जोर दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि अपराधियों को भारतीय कानून का भय हो।

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    सभी राज्यों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशेष जेल बनाने के निर्देश (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार बड़ी तैयारी में जुटी में है। इसके लिए केंद्र से लेकर राज्य स्तर तक चुस्त-दुरूस्त प्रणाली बनाने का काम शुरू हो गया। इसकी झलक 'भगोड़ों का प्रत्यपर्ण, चुनौतियां और रणनीतियां' विषय पर आयोजित सम्मेलन में दिखी।

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    इस विषय पर पहली बार हुए सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सभी राज्यों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशेष जेल बनाने, प्रत्यर्पण के मामलों की प्रभावी तैयारी के लिए एक्सपर्ट स्पेशल सेल और भगोड़े को वापस लाने में सीबीआई के साथ समन्वय के लिए विशेष यूनिट तैयार करने पर जोर दिया। शाह ने खुशी जताई कि डेढ़ साल पहले उनके द्वारा दिए सुझाव का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन शुरू हो गया है।

    अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशेष जेल बनेंगे

    आर्थिक, साइबर, आतंकी घटनाओं और संगठित अपराध से जुड़े भगोड़े अपराधियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार इन्हें रूथलेस अप्रोच से कानून के सामने खड़ा करने की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने साफ किया कि जब तक देश के अर्थतंत्र, संप्रभुता व सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले विदेश में बैठे लोगों के मन में भारतीय न्याय प्रणाली का भय नहीं होगा, तब तक देश को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं किया जा सकता।

    उन्होंने कहा कि ऐसे भगोड़े अपराधियों को यह अहसास दिलाना होगा कि वह भारतीय कानून की पहुंच से दूर नहीं है। भारतीय जेलों के हालात का हवाला देकर विदेशी अदालतों में प्रत्यर्पण का विरोध को देखते हुए अमित शाह ने सभी राज्य सरकारों से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशेष जेल बनाने को कहा। ताकि प्रत्यर्पण के खिलाफ यह दलील बेमानी हो जाए। इसके साथ ही उन्होंने नए आपराधिक कानून के तहत अनुपस्थिति की स्थिति में भी आरोपियों पर केस चलाने के कानून का उपोग करने की भी सलाह दी।

    निराधार आरोप का हवाला देकर प्रत्यर्पण का विरोध

    उन्होंने कहा कि अदालत से सजा होने की स्थिति में भगोड़े अपराधी की स्थिति में बड़ा परिवर्तन आ जाता है। सजा से पहले निराधार आरोप का हवाला देकर वे प्रत्यर्पण का विरोध करते हैं। अमित शाह ने कहा कि भगोड़े अपराधियों को खोजने और वापस लाने के लिए सीबीआई ने विशेष ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर स्थापित किया है। इससे दुनिया भर की पुलिस के साथ जानकारी का रियल टाइम आदान प्रदान हो रहा है।

    यहां तक इंटरपोल भी भारत के अनुरोध पर रिकॉर्ड संख्या में रेड कॉर्नर नोटिस जारी रहा है। इस साल नौ महीने में 189 से अधिक रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुका है, जो एक रिकॉर्ड है। शाह ने कहा कि सभी राज्यों के अपने-अपने यहां के भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए सीबीआई के साथ समन्वय से काम करना चाहिए। इसके लिए हर राज्य में विशेष यूनिट हो, जो सीबीआई के साथ लगातार समन्वय करे।

    इसी तरह से प्रत्यर्पण के पेंचिदा कानूनों और प्रक्रियाओं की समझ रखने वालों को मिलाकर सभी राज्यों में एक्सपर्ट स्पेशल सेल भी बनना चाहिए। उन्होंने भगोड़े अपराधियों का अलग से डाटा बेस तैयार करने और उसकी गतिविधियों की अद्यतन जानकारी साझा करने और उनपर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई, खुफिया ब्यूरो और राज्यों की पुलिस के बीच मल्टी एजेंसी सेंटर की तर्ज कर सूचनाओं के आदान प्रदान का तंत्र विकसित करने की जरूरत बताई।