Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NSA डोभाल की अध्यक्षता में रक्षा योजना समिति गठित, सुरक्षा चुनौतियों पर करेगी काम

    By Nancy BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 20 Apr 2018 07:06 AM (IST)

    सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी सरकार ने एनएसए डोभाल की अध्यक्षता में रक्षा योजना समिति का गठन किया। तीनों सेना के प्रमुख डीपीसी के सदस्य।

    NSA डोभाल की अध्यक्षता में रक्षा योजना समिति गठित, सुरक्षा चुनौतियों पर करेगी काम

    नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक रक्षा योजना समिति (डीपीसी) का गठन किया है। चीन और पाकिस्तान की ओर से पैदा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और सेना के लिए व्यापक योजना व रणनीति बनाना इस समिति का मुख्य उद्देश्य होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NSA डोभाल के अलावा तीनों सेना प्रमुख शामिल 

    एनएसए के अलावा विदेश सचिव, स्टाफ कमेटी के प्रमुखों के चेयरमैन, थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख और वित्त सचिव (व्यय) भी डीपीसी के सदस्य होंगे। अधिकारियों के अनुसार, रक्षा योजना समिति के अध्यक्ष जरूरत पड़ने पर सामरिक रणनीति मामलों के विशेषज्ञों को भी कमेटी में सदस्य के रूप में शामिल कर सकते हैं।

    अधिकारियों का कहना है कि डीपीसी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और सैन्य सिद्धांतों का मसौदा भी तैयारी करेगी। इसके अलावा वह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संबंधों के बारे में रणनीति और देश में रक्षा निर्माण पारिस्थितिक तंत्र बनाने का काम भी करेगी। रक्षा योजना समिति रक्षा आयात बढ़ाने की रणनीति पर भी काम करेगी। साथ ही वह सैन्य बलों के लिए क्षमता विस्तार योजनाओं को भी प्राथमिकता देगी। डीपीसी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट तय समय में सीधे रक्षा मंत्री को सौंपेगी ताकि जरूरत के अनुसार मंजूरी लेने में तेजी आ सके।

    अधिकारियों के मुताबिक, कमेटी रक्षा योजना एवं विदेश नीति की जरूरतों से जुड़े इनपुट्स का विश्लेषण व मूल्यांकन करेगी। साथ ही वह अगले 15 वर्षों के लिए एकीकृत प्लान के तहत रक्षा खरीद बढ़ाने और बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। समिति भारतीय रक्षा उद्योग को विकसित करने के साथ उन्नत तकनीकी हासिल करने के लिए उपाय भी करेगी। डीपीसी की मदद के लिए कई उपसमितियां भी होंगी, जो विभिन्न विषयों पर उसे सटीक सलाह देंगी। अधिकारियों ने बताया कि नीति एंव रणनीति, योजना एवं क्षमता विस्तार, रक्षा कूटनीति एवं डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इको-सिस्टम के क्षेत्र में इन उपसमितियों का गठन किया जाएगा।