एच-1बी वीजा फीस बढ़ोतरी पर विपक्ष ने कहा- मोदी सरकार की विदेश नीति विफल
अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर एक लाख डालर की सालाना फीस लगाने के बाद विपक्षी दलों ने शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विदेश नीति विफल हो गई है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से इस संकट को सुलझाने के लिए कदम उठाने की मांग की है। खरगे ने कहा कि विदेश नीति का मतलब भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है न कि सिर्फ इवेंट करना।

पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर एक लाख डालर की सालाना फीस लगाने के बाद विपक्षी दलों ने शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विदेश नीति विफल हो गई है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से इस 'संकट' को सुलझाने के लिए कदम उठाने की मांग की है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें कमजोर पीएम बताया और कहा कि रणनीतिक चुप्पी और दिखावटी कामों की उनकी प्राथमिकता भारत के लिए नुकसानदायक साबित हुई है।
मोदी सरकार की विदेश नीति विफल- कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि विदेश नीति का मतलब भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है, न कि सिर्फ इवेंट करना। भारत के राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि बताते हुए खरगे ने एक्स पर लिखा-गले मिलना, खोखले नारे, संगीत कार्यक्रम और लोगों से 'मोदी, मोदी' के नारे लगवाना विदेश नीति नहीं है! विदेश नीति का मतलब है हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना, भारत को पहले रखना और समझदारी के साथ दोस्ती बनाए रखना।
'अबकी बार, ट्रंप सरकार' सरकार से जन्मदिन के तोहफे-एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर की सालाना फीस से भारतीय तकनीकी कर्मचारियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
एएनआइ के अनुसार, राहुल गांधी ने 2017 की अपनी पोस्ट का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से डोनाल्ड ट्रंप (जिनका उस समय राष्ट्रपति का पहला कार्यकाल था) से एच-1बी वीजा के मुद्दे पर बात नहीं करने के लिए सवाल किया था।
भारत का प्रधानमंत्री कमजोर है- राहुल गांधी
राहुल ने एक्स पर लिखा-मैं दोहराता हूं, भारत का प्रधानमंत्री कमजोर है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की विदेश नीति विफल रही है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बेबस नजर आ रहे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा-प्रधानमंत्री जी, कुछ तो कीजिए। 140 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री इतने बेबस क्यों हैं? क्या आप कुछ भी नहीं कर सकते?
हम अमेरिका के रणनीतिक सहयोगी हैं- ओवैसी
एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर विदेश नीति को फालतू हथकंडों तक सीमित करने का आरोप लगाया। कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्ते को खतरे में डालकर यह साबित कर रहा है कि उसे हमारी रणनीतिक अहमियत की कोई परवाह नहीं है। हम अमेरिका के रणनीतिक सहयोगी हैं।
अगर वह हमें अपना सहयोगी नहीं मानता, तो यह इस सरकार की नाकामी है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार की यह 'अद्भुत चुप्पी' उन लोगों के लिए 'पूर्ण अंधकार' के समान है, जो इस पर निर्भर हैं।
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