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    कच्चातीवु विवाद में हस्तक्षेप करें पीएम मोदी, सीएम स्टालिन ने किया अनुरोध; भाजपा का पलटवार

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 04:34 AM (IST)

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लंबे समय से चले आ रहे कच्चातीवु विवाद को सुलझाने और श्रीलंकाई जेलों में बंद भारतीय मछुआरों और उनकी नावों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे हस्तक्षेप करने की अपनी अपील दोहराई है। सीएम बोले कि केवल प्रधानमंत्री का सीधा हस्तक्षेप ही तमिल मछुआरों के लिए एक स्थायी समाधान ला सकता है।

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     तमिलनाडु के मछुआरों की रक्षा करने में विफल रही केंद्र सरकार

     डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लंबे समय से चले आ रहे कच्चातीवु विवाद को सुलझाने और श्रीलंकाई जेलों में बंद भारतीय मछुआरों और उनकी नावों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे हस्तक्षेप करने की अपनी अपील दोहराई है।

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     तमिलनाडु के मछुआरों की रक्षा करने में विफल रही केंद्र सरकार

    स्टालिन ने तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु के मछुआरों की रक्षा करने में विफल रही है, और साथ ही बिना कोई ठोस कार्रवाई किए कच्चातीवु मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।

    सीएम स्टालिन ने जोर देकर कहा, "केवल प्रधानमंत्री का सीधा हस्तक्षेप ही तमिल मछुआरों के लिए एक स्थायी समाधान ला सकता है।" उन्होंने सवाल किया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर श्रीलंका के हालिया दावों का खंडन क्यों नहीं किया है।

     केंद्र सरकार की चुप्पी

    मुख्यमंत्री ने श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद की इस टिप्पणी का हवाला दिया कि तमिलनाडु के मछुआरे अक्सर अतिक्रमण करते हैं और कोलंबो कच्चातीवु द्वीप वापस नहीं करेगा। सीएम स्टालिन ने इन दावों के बावजूद केंद्र सरकार की चुप्पी की आलोचना की।

    उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु विधानसभा पहले ही कच्चातीवु को वापस लाने की मांग वाला एक प्रस्ताव पारित कर चुकी है और दावा किया कि उन्होंने कई मौकों पर प्रधानमंत्री के समक्ष व्यक्तिगत रूप से यह मुद्दा उठाया है।