Mission 2031: पीएम मोदी शनिवार को करेंगे दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत, क्या है पूरा प्लान?
सरकार ने 2030-31 तक दलहन उत्पादन 40% बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जो 350 लाख टन होगा। पीएम मोदी 'धन धान्य कृषि योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भर मिशन' शुरू करेंगे, जिसमें 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। योजना में उन्नत बीज, प्रसंस्करण इकाइयां और किसानों को सहयोग शामिल है। वर्तमान में 60-70 लाख टन दालों का आयात होता है, जिसे कम करने का लक्ष्य है।

दलहन उत्पादन 40% बढ़ाने का लक्ष्य । फ़ाइल फोटो
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश को दालों के आयात पर निर्भरता से मुक्त कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2030-31 तक देश में दलहन उत्पादन को 40 प्रतिशत बढ़ाकर 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए रकबा बढ़ाने से लेकर उन्नत बीजों के वितरण, प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और किसानों को सहयोग देने जैसी कई रणनीति पर काम किया जा रहा है।
अभी प्रत्येक वर्ष 60 से 70 लाख टन दालों का आयात करना पड़ता है, लेकिन अब इस पर ब्रेक लगा कर दलहन में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की दो बड़ी योजनाओं 'धन धान्य कृषि योजना' एवं 'दलहन आत्मनिर्भर मिशन' की शुरुआत शनिवार को करेंगे। इनकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ¨सह चौहान ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से दी।
नई योजना में सरकार ने 11,440 करोड़ रुपये के छह वर्षीय केंद्रीय कार्यक्रम को मंजूरी दी है, जो विशेष रूप से अरहर, उड़द एवं मसूर जैसी प्रमुख फसलों पर केंद्रित रहेगा। योजना के प्रमुख बिंदु हैं बीज की गुणवत्ता में सुधार, कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों की पहचान और सुधार, मिनी बीज किट का वितरण के साथ ही प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना।अभी देश में दलहनों की उत्पादकता औसतन 881 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जिसे बढ़ाकर 1,130 किलोग्राम करने का लक्ष्य है।
इसके लिए सरकार 126 लाख ¨क्वटल प्रमाणित बीज उपलब्ध कराएगी और 86 लाख बीज किट निशुल्क बांटे जाएंगे। एक हजार प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें प्रति इकाई 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी।शिवराज ने बताया कि धन धान्य योजना के तहत देश में सौ ऐसे जिलों की पहचान की गई है, जहां उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। इन जिलों में सिचाई, भंडारण, ऋण सुविधा और फसल विविधीकरण पर ध्यान दिया जाएगा। निगरानी के लिए नीति आयोग डैशबोर्ड तैयार करेगा और 11 विभागों की 36 योजनाओं को आपस में जोड़कर लागू किया जाएगा।
दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाना, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध कराना भी सरकार का उद्देश्य है। किसानों को प्रोसेसिंग से जोड़कर मूल्यवर्धन का लाभ भी दिया जाएगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 15 लाख किसानों का चयन किया गया है और 6.2 लाख हेक्टेयर भूमि पर इसका विस्तार किया जाएगा।
दस हजार एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) बनाने का लक्ष्य पहले ही पूरा कर लिया गया है, जिनमें 1,100 एफपीओ का टर्नओवर एक करोड़ रुपये से अधिक है। ये एफपीओ उत्पादन के साथ-साथ प्रोसे¨सग का कार्य भी कर रहे हैं। शिवराज ने कहा कि इन प्रयासों से न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
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