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    MP में हैरान करने वाली घटना, रेप पीड़िता को अधिकारियों ने भेज दिया 'दुष्कर्मी' के घर; दोबारा हुई वही वारदात

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 01:08 PM (IST)

    पन्ना में एक नाबालिग रेप पीड़िता के साथ दोबारा बलात्कार की घटना सामने आई है। बाल विकास विभाग और कल्याण समिति ने पीड़िता को बिना जांच के रिश्तेदार के सुपुर्द कर दिया जहाँ आरोपी ने फिर से दुष्कर्म किया। पुलिस ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सदस्यों महिला एवं बाल विकास अधिकारी और वन स्टाप सेंटर के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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    एमपी में रेप पीड़िता को अधिकारियों ने भेज दिया 'दुष्कर्मी' के घऱ। (फोटो- जेएनएन)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पन्ना से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक रेप की पीड़िता के साथ दोबारा बलात्कार किया गया। बताया जा रहा है कि पन्ना स्थित स्टाप सेंटर में रखी गई दुष्कर्म की पीड़िता नाबालिग को बाल विकास विभाग और कल्याण समिति ने बिना किसी जांच के रिश्तेदार महिला के सुपुर्द कर दिया।

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    रिश्तेदार के यहां ही दुर्ष्कर्म के आरोपी ने एक बार फिर से नाबालिग के साथ दोबारा रेप की घटना को अंजाम दिया। जैसे ही ये मामला प्रकाश में आया, छतरपुर की जुझारनगर पुलिस ने बाल कल्याण समिति पन्ना के अध्यक्ष, समिति के पांच सदस्य, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, वन स्टाप सेंटर के तीन कर्मचारी और एक अन्य महिला के विरुद्ध अपराध दर्ज किया है।

    समिति सदस्य को पुलिस ने किया गिरफ्तार

    बता दें कि इस मामले में समिति के सदस्य आशीष बास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के पवई क्षेत्र में एक गांव की नाबालिग इसी साल जनवरी में स्कूल से निकलने के बाद घर नहीं पहुंची।

    इसके बाद परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने नाबालिग को 17 फरवरी को गुरुग्राम (हरियाणा) से बरामद किया था। इस पूरे मामले में बारीगढ़ छतरपुर निवासी राम प्रसाद कुशवाहा को गिरफ्तार किया गया था। जो वर्तमान में जमानत पर बाहर है।

    बिना जांच के ही पीड़िता को किया रिश्तेदार के हवाले

    ध्यान देने वाली बात है कि इन सब के बीच बाल कल्याण समिति ने 29 मार्च को नियमों के विरुद्ध जाकर पीड़िता को उसकी एक रिश्तेदार महिला(छतरपुर निवासी) के घर भेज दिया। जहां पहुंचकर आरोपित ने दोबारा दुष्कर्म किया।

    कैसे सामने आई सच्चाई?

    • नाबालिग के स्वजन ने बेटी को सुपुर्द करने के लिए कलेट्र की जनसुनवाई में आवेदन दिया। उस वक्त कलेक्टर ने बाल कल्याण समिति को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए।
    • हालांकि, नाबालिग को 29 अप्रैल को वन स्टाप सेंटर भेज दिया गया। इसी समय काउंटलिंग के दौरान बताया कि उसके साथ दोबारा दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। इसके बाद मामला खुला।
    • इसके बाद छतरपुर एसपी ने मामले की जांच एडिशनल एसपी की निगरानी में पुलिस को सौंपी। जांच के दौरान पाया गया कि बाल कल्याण समिति के गलत फैसले से ही नाबालिग दोबारा दुष्कर्म की शिकार हुई। वहीं, इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बजाय पर्दा डाल दिया गया।

    इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

    इसके बाद महिला एवं बाल विकास अधिकारी अवधेश सिंह, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भानुप्रताप जड़िया, सदस्य अंजलि भदौरिया, आशीष बास, सुदीप श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार सिंह वन स्टाप सेंटर की प्रशासक कविता पांडेय काउंसलर प्रियंका सिंह, शिवानी शर्मा और अंजलि कुशवाहा सहित अन्य के खिलाफ पाक्सो अधिनियम की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है।

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