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    सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के बजट में मामूली बढ़ोतरी, बीओटी मॉडल पर रहेगा जोर; पढ़ें क्या होंगे बदलाव

    Updated: Sat, 01 Feb 2025 10:00 PM (IST)

    Budget 2025 वित्त मंत्री ने आज लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में बुनियादी सुविधाओं को लेकर जोर दिया गया है। केंद्र सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। देश में राजमार्ग और हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण के लिए जिम्मेदार एनएचएआई को 1.87 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं।

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    सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के बजट में मामूली बढ़ोतरी। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से सड़कों के ढांचे के विस्तार का सिलसिला कायम रखते हुए केंद्र सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह पिछले साल के मुकाबले 2.1 प्रतिशत ज्यादा है और इन्फ्रा विकास के सरकार के एजेंडे का मुख्य आधार है।

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    मंत्रालय को मिले पैसे का अधिकांश हिस्सा एनएचएआई के खाते में जाएगा। देश में राजमार्ग और हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण के लिए जिम्मेदार एनएचएआई को 1.87 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1.69 लाख करोड़ रुपये मिले थे।

    मंत्रालय के बजट में बढ़ोत्तरी

    सड़क परिवहन मंत्रालय के बजट में कोई बड़ी-उल्लेखनीय बढ़ोतरी न होने का कारण सरकार का यह दृष्टिकोण है कि सड़क परियोजनाओं के लिए अन्य स्रोतों से पैसे जुटाना अब मुश्किल नहीं है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पिछली बार भी दो से तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। सड़क के लिए आवंटन पहले से काफी पर्याप्त है, इसलिए इसमें अतिरिक्त बढ़ोतरी की कोई जरूरत नहीं है।

    बीओटी मॉडल पर ही सड़क निर्माण पर जोर

    सरकार बीओटी मॉडल पर ही सड़क निर्माण की प्रणाली पर आगे बढ़ना चाहती है। इस प्रणाली में निवेशकों का ही पैसा ज्यादा लगता है। सड़क निर्माण के लिए भारतमाला परियोजना में प्रोजेक्ट आधार पर मंजूरी के बजाय कारिडोर आधारित मंजूरी के रास्ते पर चलने के बाद से कोई बड़ा कार्यक्रम है भी नहीं।

    दूसरे, मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही आवंटित पैसे का 80 प्रतिशत ही इस्तेमाल किया जा सका है। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा है कि इन्फ्रा से जुड़ा प्रत्येक मंत्रालय तीन वर्ष की पाइपलाइन वाली परियोजनाओं को लाएगा, जिन्हें पीपीपी मोड पर क्रियान्वित किया जा सके। राज्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

    एनएचएआई के कर्ज पर ध्यान

    एनएचएआई के कर्ज को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इस पर ध्यान देते हुए वित्त मंत्री ने इस साल एनएचएआई के लिए कर्ज की कोई व्यवस्था नहीं की है। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में एनएचएआई का कर्ज 3.35 लाख करोड़ था, लेकिन यह घटकर अब 2.76 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

    सड़क सुरक्षा पर अब ज्यादा खर्च

    सड़क परिवहन की सबसे बड़ी चुनौती मार्ग दुर्घटनाओं के बेहद खराब ट्रैक रिकार्ड को देखते हए इस बार सरकार ने रोड सेफ्टी पर 595 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। यह पिछले साल के मुकाबले लगभग 30 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें बड़ा हिस्सा केंद्रीय सहायता के रूप में मिलेगा।

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